समस्याओं के प्रति बनें संवेदनशील : न्यायमूिर्त
समस्तीपुर : मानवाधिकार के प्रति पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का सेमिनार सह प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को हुआ. समाहरणालय सभागार में राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विलाल नजकी ने दीप जला कर इसका उद्घाटन किया. अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारी आम जनता की समस्या के प्रति संवेदनशील बनें. आम जनता […]
समस्तीपुर : मानवाधिकार के प्रति पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का सेमिनार सह प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को हुआ. समाहरणालय सभागार में राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विलाल नजकी ने दीप जला कर इसका उद्घाटन किया.
अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारी आम जनता की समस्या के प्रति संवेदनशील बनें. आम जनता से सद्व्यवहार करें. तभी मानवाधिकार संबंधी शिकायतों में कमी आयेगी. उन्होंने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत मानव की स्वतंत्रता, समानता व उसकी मार्यादा की रक्षा होनी चाहिए. इसका उल्लंघन होने पर मानवाधिकार का मामला बनता है.
राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति मंधाता सिंह ने कहा कि मानवाधिकार के ज्यादा मामले पुलिस प्रशासन से संबंधित होते हैं. सामान्य प्रशासन का परोक्ष संबंध होता है.
आयोग के सचिव संजीव कुमार सिन्हा ने मानवाधिकार के संरक्षण के लिए आम जनता के बीच जागरूकता लाने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता, समानता व उसकी मर्यादा का हनन होता है तो लोग इसकी रक्षा के लिए आयोग की शरण में जाते हैं. इसके लिए आवश्यक है कि हर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी सरकारी दिशा निर्देश के अनुरूप आम जनता के प्रति सहानुभूतिपूर्वक पूरी जवाबदेही के साथ कार्य का निष्पादन करें. 2008 में आयोग के गठन से लेकर अभी तक आयोग में कुल 30,000 केस आये हैं. इसमें 20,000 मामलों का निष्पादन हुआ.
समस्तीपुर जिला में आयोग गठन से अब तक कुल 1616 मामले आयोग में गये. इसमें 1090 मामले का निष्पादन हुआ. उन्हांेने कहा कि कोई भी व्यक्ति व्यक्तिगत, डाक, फैक्स अथवा मेल से मामला आयोग में दायर कर सकता है. कार्यशाला में राज्य मानवाधिकार आयोग की टीम के अलावे सभी जिला स्तरीय अधिकारी, एसडीपीओ़, थानाध्यक्ष, बीडीओ, सीओ उपस्थित थे.