बहाल होगी सुविधा. डीएस ऑिफस में एसी खरीदने पर हो रहा विचार
मरीजों के लिए पंखाें की होगी खरीद रोगी कल्याण समिति की बैठक में मरीज हित से परे भी लिया गया प्रस्ताव सदस्यों ने किया हंगामा मरीजों की सुविधा पर भी दिया गया बल समस्तीपुर : सदर अस्पताल के उपाधीक्षक कार्यालय को वातानुकूलित रखने के लिए एसी खरीदी जायेगी. वहीं वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों […]
मरीजों के लिए पंखाें की होगी खरीद
रोगी कल्याण समिति की बैठक में मरीज हित से परे भी लिया गया प्रस्ताव
सदस्यों ने किया हंगामा मरीजों की सुविधा पर भी दिया गया बल
समस्तीपुर : सदर अस्पताल के उपाधीक्षक कार्यालय को वातानुकूलित रखने के लिए एसी खरीदी जायेगी. वहीं वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए पंखे की खरीद होगी. इस पर आने वाला खर्च रोगी कल्याण समिति उठायेगी. यह प्रस्ताव शनिवार को रोगी कल्याण समिति की बैठक में रखा गया.
इस प्रस्ताव के साथ 13 प्रस्तावों पर गंभीरतापूर्वक सदस्यों ने मंथन किया. इसमें कई ऐसे प्रस्ताव भी थे जो मरीज हित से परे था. सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पारित होने पर इसे अमल में लाया जायेगा. सिविल सर्जन डॉ. अवध कुमार की अध्यक्षता में रखे गये इन प्रस्तावों में कुछ मरीजों की सुविधा का भी ख्याल रखा गया है. जिसके तहत मरीजों के लिए मच्छरदानी, तौलिया, एलइडी टीवी, पंखा, कुर्सी आदि की खरीदारी करने का प्रस्ताव दिया गया है.
लेकिन इन सबों के साथ-साथ कुछ ऐसे भी प्रस्ताव लिए गये हैं जो कहीं से भी रोगी कल्याण समिति से प्रस्तावित नहीं होना चाहिए था. इस कारण कई मुद्दों पर अस्पताल के उपाधीक्षक सदस्यों के सवालों से भी घिरे रहे. खासकर पिछले बैठक में लिए गये प्रस्तावों के अनुपालन नहीं किये जाने को लेकर सदस्यों द्वारा उपाधीक्षक पर सवाल पर सवाल दागा जा रहा था. इस दौरान सदस्यों ने पिछले बैठक में लिए गए 10 प्रस्तावों पर सीएस एवं उपाधीक्षक से पूरी जानकारी ली.
समिति के सदस्यों ने किया हंगामा : रोगी कल्याण समिति को बिना सूचित किये ही अस्पताल प्रशासन द्वारा डाटा ऑपरेटर की बहाली कर लेने एवं पिछले बैठकों में लिए गये प्रस्तावों को अमल में नहीं लाने को लेकर बैठक में सदस्यों ने जमकर हंगामा किया.
रोगी कल्याण समिति की सदस्या अमृता की मानें तो अस्पताल प्रबंधन ने कई ऐसे निर्णय लिये हैं
जो रोगी हित से परे हैं. अमृता का कहना था कि ऑपरेटर की बहाली एक साल पूर्व नियमों को ताक पर रख कर ली गयी. वहीं मानदेय का भुगतान रोगी कल्याण समिति के द्वारा किया जाने का प्रस्ताव आज दिया जा रहा है जो कहीं से भी उचित नहीं है.
वहीं पूर्व के बैठकों में ही आठ एसी लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया था जिसे अमल में नहीं लाया गया तो आज फिर से एसी की खरीदारी का प्रस्ताव क्यों दिया जा रहा है. आॅपरेटर के भुगतान को लेकर कुछ सदस्यों की दिलचस्पी के बाद पूरे मामले पर लीपापोती करते हुये वेतन भुगतान का प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गयी. जो नियमों के विपरित है. जानकारों की मानें तो पूरे मामले की जांच की जाय तो पिछले कुछ वर्षो के दौरान इस तरह के कई मामले प्रकाश में आने के बाद उस पर कार्रवाई करने के बजाय अधिकारियों ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया.