दुस्साहस. जान बचाने के लिए दरवाजा के पीछे छुपे लोग

मां-बाप को पिटते देख रो पड़ी माहेजबी सरायरंजन : आखों के आगे ही माता पिता की जान बचाने की गुहार माहेजबी लगाती रही. वहीं डकैतों ने उसकी एक फरियाद न सुनी. पहले तो राड से सिर पर प्रहार किया. उसके बाद डंडे से भी मारपीट की. चौसीमा गांव में शक्रवार की रात डकैतों ने अपना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2016 5:24 AM

मां-बाप को पिटते देख रो पड़ी माहेजबी

सरायरंजन : आखों के आगे ही माता पिता की जान बचाने की गुहार माहेजबी लगाती रही. वहीं डकैतों ने उसकी एक फरियाद न सुनी. पहले तो राड से सिर पर प्रहार किया. उसके बाद डंडे से भी मारपीट की.
चौसीमा गांव में शक्रवार की रात डकैतों ने अपना कहर जहरुल हसन के साथ उनके परिवार के सदस्यों पर भी डाह दिया. उसने डकैतों के आगे काफी मिनतें की मगर उसके परिवार के लोगों को उनके सामने पिटाई होती रही. चोट से घायल होकर जब तक परिजन बेहोश नहीं हुए तब तक मारते रहे. जहरुल हसन के घर दो-तीन दिनों उनके छोटे भाई अंजारुल हसन आए थे. उन्हें भी डकैतों ने मारपीट कर जख्मी कर दिया.
खून से सन गया चादर. मोबाइल फोन तक नहीं छोड़ा. डकैतों ने पहले तो गृह स्वामी को बंघक बनाया. इसके बाद घर के परिजन भी उनके पकड़ में एक-एक कर आते चले गये. पहले तो घरवालों की पिटाई की गयी. जिससे आसपास के लोगों को भी जानकारी देने लायक नहीं छोड़ा. डकैतों का काम आसान हो गया. इसके बाद वो बगल के कमरे में गये.
वहीं विभिन्न कमरे में रखे अलग-अलग अलमीरा का लॉक राड से तोड़ दिया. उसमें रखे स्वर्ण आभूषण नगद राशि की लूटपाट की. घर में रखे मोबाइल फोन तक को भी डकैतों ने पटककर फोड़ दिया. जिससे किसी प्रकार की जानकारी अन्य को नहीं मिले. वहीं एक किलोमीटर की दूरी पर थाने को इसकी भनक तक भी नहीं हुई जो कि पेट्रोलिंग पर सवालिया निशाना लगा रहे थे.
बेहोश होने तक घर के सदस्यों को पीटते रहे डकैत
दुबई में रहता है भांजा: गृहस्वामी का दो भगना विगत कई वर्षों से दुबई में रहकर कार्य करता है. जमाल अहमद, कमाल अहमद दोनों भाई सात साल बाद दो-तीन दिन पहले ही घर आये हैं. इसमें कमाल अहमद अपने परिवार कि साथ दो दिन पहले ही ससुराल चला गया था. घटना के जानकारी के बाद वह अहले सुबह चौसीमा पहुंचा. आबादी के बाद भी देर से पहुंचे लोग.

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