समस्तीपुर : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा संचालित मैट्रिक व इंटर की परीक्षा को लेकर तैयारियां शुरू है. इस वर्ष समिति ने इंटरमीडिएट और मैट्रिक परीक्षा 2025 का कार्यक्रम जारी कर दिया है. इंटर की परीक्षा एक फरवरी से शुरू होगी और 15 फरवरी तक चलेगी. मैट्रिक की परीक्षा 17 से 25 फरवरी तक चलेगी. दोनों परीक्षा दो पालियों में आयोजित होगी. इंटरमीडिएट वार्षिक प्रायोगिक परीक्षा का आयोजन 10 से 20 जनवरी के बीच होगी. मैट्रिक के विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा 21 से 23 जनवरी तक आयोजित की जायेगी. इंटरमीडिएट की वार्षिक परीक्षा में कुल 63,067 विद्यार्थी और मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा में कुल 78,604 विद्यार्थी शामिल होंगे. इधर, छात्र-छात्राएं परीक्षा की तैयारी को लेकर सेल्फ स्टडी, होम ट्यूशन, कोचिंग व स्कूल के सहारे सिलेबस पूरा करने में जुटे हुए हैं. मैट्रिक के छात्र अभिषेक राज, आदित्य कुमार व अंजली कुमारी ने बताया कि रूटीन बनाकर परीक्षा की तैयारी की जा रही है. वहीं इंटर के छात्र रौशन कुमार, आयुष कुमार व श्वेता कुमारी ने बताया कि सिलेबस को पूरा कर लिया गया हैं. अब इसे रिवाइज किया जा रहा हैं. इंटर व मैट्रिक की परीक्षा विद्यार्थी चप्पल पहनकर देंगे. बिहार बोर्ड ने जूता-मोजा पहनकर परीक्षा देने पर रोक लगाई गई है. कदाचारमुक्त परीक्षा संचालित करने के लिए सभी केंद्रों को भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार सुपर जोन व जोन के अंतर पर बांटा जायेगा. इस आधार पर सुपर जोनल व जोनल दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति पुलिस बल के साथ की जायेगी. ऑनलाइन वीसी के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी को यह जानकारी दी गई. केंद्रों पर प्रश्न पत्र पहुंचाने के लिए अलग से गश्ती दंडाधिकारी की नियुक्ति भी होगी. परीक्षा हॉल में एक बेंच पर अधिकतम दो ही परीक्षार्थी बैठेंगे. बिहार बोर्ड के अनुसार, परीक्षा के दोनों पालियों में परीक्षा शुरू होने के दस मिनट पहले तक प्रवेश मिलेगा. प्रथम पाली की परीक्षा सुबह 9.30 बजे से शुरू होगा. इसके लिए 9.20 तक प्रवेश मिलेगा. वहीं द्वितीय पाली की परीक्षा दोपहर 1.45 बजे शुरू होगी. इसके लिए 1.35 बजे तक प्रवेश मिलेगा. इसके बाद आने वाले परीक्षार्थी को प्रवेश नहीं दिया जायेगा. सभी परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे पहले पहुंचने का निर्देश बोर्ड ने जारी किया हैं. देर से आने वाले परीक्षा नहीं दे पायेंगे. प्रथम पाली के लिए सुबह आठ बजे से पहले व दूसरी पाली के लिए 11.30 बजे से पहले किसी भी परिस्थिति में प्रश्न पत्रों की निकासी नहीं की जायेगी. गोपनीय प्रश्न पत्रों की निकासी के समय वीडियोग्राफी भी होगी.गाइड लाइन के तहत अगर किसी छात्र का प्रवेश पत्र गुम हो जाता है, या भूलवश घर पर छूट जाता है तो उन्हें परीक्षा में प्रवेश दिया जाएगा. उपस्थिति पत्रक में स्केन्ड फोटो से पहचान करते हुए रोल नंबर सीट से सत्यापन कर उसकी एंट्री परीक्षा में करायी जायेगी.
मैट्रिक में छात्राओं के लिए 41 व 37 केंद्र बनाये गये छात्रों के लिए
जिले के विभिन्न अनुमंडल में मैट्रिक वार्षिक परीक्षा के सफल संचालन के लिए छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग केंद्र निर्धारित किये गये हैं. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि छात्राओं के लिए 41 व छात्र के लिए 37 केंद्र बनाये गये है. समस्तीपुर अनुमंडल में छात्र के लिए 18 व छात्राओं के लिए 17, रोसड़ा अनुमंडल में छात्र के लिए 10 व छात्राओं के लिए 11, दलसिंहसराय अनुमंडल में छात्र के लिए 6 व छात्राओं के लिए 7 व पटोरी अनुमंडल में छात्र के लिए 3 व छात्राओं के लिए 6 केंद्र बनाये गये हैं. इसी तरह इंटरमीडिएट की वार्षिक परीक्षा के सफल संचालन के लिए भी अलग- अलग केंद्र बनाये गये हैं. छात्राओं के लिए 43 व छात्र के लिए 34 केंद्र बनाये गये हैं. समस्तीपुर अनुमंडल में छात्रों के लिए 34 केंद्र बनाये गये हैं. जबकि छात्राओं के लिए दलसिंहसराय अनुमंडल में 5 समस्तीपुर अनुमंडल 16, रोसड़ा अनुमंडल में 13 व पटोरी अनुमंडल में 9 केंद्र बनाये गये हैं. जिले में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा के लिए चार-चार आदर्श केंद्रों का चयन किया गया है.इंटर व मैट्रिक में अधिकतम 10 फीसदी का ग्रेस मिलेगा
इंटरमीडिएट और मैट्रिक रिजल्ट से पहले बिहार बोर्ड ने जरूरतमंद परीक्षार्थियों को ग्रेस अंक देने की नियमावली तय कर दी है. इस बार अधिकतम 10 फीसदी तक ग्रेस अंक दिये जायेंगे. हालांकि, भाषा विषय में फेल होने पर कोई ग्रेस नहीं मिलेगा. अधिकतम 10 फीसदी ग्रेस देने का फैसला बोर्ड ने पहली बार किया है. इससे पहले बोर्ड एक विषय में अधिकतम 8 फीसदी और दो विषय में 4-4 फीसदी तक ग्रेस देता था. बोर्ड की ओर से जारी नियमावली के अनुसार किसी छात्र का कुल प्राप्तांक 75 फीसदी है, लेकिन वो किसी एक विषय में फेल हो गया है तो उस छात्र को पास कराने के लिए बोर्ड अधिकतम 10 फीसदी तक ग्रेस अंक देगा. बशर्ते कि छात्र ने कोई और लाभ ना लिया हो. यह नियमावली नियमित छात्रों पर ही लागू होगा. पूर्ववर्ती छात्रों को इस नियम का फायदा नहीं मिलेगा. बोर्ड की मानें तो छात्र को भाषा विषय में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है. भाषा विषय में किसी तरह के ग्रेस अंक नहीं दिये जायेंगे. बोर्ड के अनुसार सैद्धांतिक वाले विषय में उत्तीर्ण के लिए 30 अंक लाना अनिवार्य है.वीक्षक ओएमआरशीट और कॉपी पर छपे फोटो से करेंगे पहचान
सहायक केंद्राधीक्षक परीक्षा केंद्र पर प्रत्येक पाली में परीक्षा में सम्मिलित 25 प्रतिशत परीक्षार्थियों की पहचान उनके एडमिट कार्ड, उत्तरपुस्तिका एवं ओएमआर पर मुद्रित फोटो से स्वयं करेंगे, वीक्षक ओएमआर उत्तर पत्रक व उत्तरपुस्तिका पर किये गये हस्ताक्षर और छात्र के द्वारा ओएमआर उत्तर पत्रक व उत्तरपुस्तिका में निर्देशित स्थान पर दिये गये निर्देश के अनुसार प्रश्न-पत्र क्रमांक एवं प्रश्न पत्र के सेट कोड सही-सही अंकित की गयी है या नहीं, को सूक्ष्मतापूर्वक देखेंगे. प्रत्येक 25 परीक्षार्थियों पर एक वीक्षक एवं एक कमरे में न्यूनतम दो वीक्षकों की प्रतिनियुक्ति केंद्राधीक्षक करेंगे. चार वीक्षकों पर एक रिलीवर की व्यवस्था केंद्राधीक्षक करेंगे. रिलीवरों की ड्यूटी चार्ट में स्पष्ट रूप से कमरे की संख्या अंकित की जायेगी. केंद्राधीक्षक अपने केंद्र पर वरीयता के आधार पर उप केंद्राधीक्षक के रूप में अपने विद्यालय के वरीय सहायक शिक्षक की नियुक्ति करेंगे. उप केंद्राधीक्षक और केंद्राधीक्षक की सहमति से वीक्षण कार्य के लिए प्रत्येक पाली में वीक्षकों की प्रतिनियुक्ति करेंगे. केंद्राधीक्षक एवं उप केंद्राधीक्षक के सहयोग के लिए केंद्राधीक्षक, सहायक केंद्राधीक्षक की प्रतिनियुक्ति करेंगे. पांच सौ तक परीक्षार्थी वाले केंद्र पर एक सहायक केंद्राधीक्षक, पांच सौ से एक हजार परीक्षार्थी पर दो सहायक केंद्राधीक्षक एवं एक हजार से अधिक परीक्षार्थी पर तीन सहायक केंद्राधीक्षक की नियुक्ति की जायेगी, परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी को केंद्र छोड़ने की अनुमति नहीं दी जायेगी. जब तक कि परीक्षा समाप्त नहीं हो जाती है, परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र के अंदर ही शौचालय जाने की अनुमति होगी. परीक्षा के दौरान सभी केंद्रों पर कदाचारमुक्त परीक्षा कराने के लिए अपील प्रकाशित की जायेगी. कदाचार मुक्त अपील की छायाप्रति केंद्राधीक्षक परीक्षा केंद्र के प्रवेश द्वार पर चस्पा करेंगे. कदाचार न हो इसकी पूरी जिम्मेदारी बांट दी गयी है. परीक्षा केंद्र के बाहर की व्यवस्था के लिए दंडाधिकारी एवं पुलिस बल तथा परीक्षा केंद्र के भीतर की व्यवस्था के लिए केंद्राधीक्षक एवं उनके साथ शामिल कर्मी की सामूहिक जिम्मेदारी होगी. कदाचार की स्थिति में नकल करने वाले परीक्षार्थियों एवं इसमें सहयोग करने वाले अभिभावकों के साथ-साथ परीक्षा व्यवस्था में जुड़े सभी कर्मियों पर कार्रवाई होगी.बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम 1981 के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जायेगा और दोषियों को दंडित किया जायेगा. सामूहिक कदाचार होने पर नियमानुसार उस केंद्र की परीक्षा रद्द कर दी जायेगी. बोर्ड ने कहा है कि मैट्रिक और इंटर परीक्षा में केंद्राधीक्षक का दायित्व किसी दूसरे व्यक्ति के हाथ में नहीं देंगे. केंद्राधीक्षक अपने परीक्षा केंद्र पर आगंतुक का हस्ताक्षर लेंगे. परीक्षा-केंद्र पर निरीक्षण के दौरान उपस्थिति जोनल, सुपर जोनल अधिकारी, राज्य सरकार द्वारा प्रतिनियुक्त नोडल पदाधिकारी, उड़नदस्ता पदाधिकारी से विजिटर रजिस्टर पर भ्रमण के दौरान टिप्पणी प्राप्त करेंगे. बताते चले कि इंटर परीक्षा के लिए 30362 छात्र व 32705 छात्राएं पंजीकृत है. इसी तरह मैट्रिक परीक्षा के लिए 36242 छात्र व 42361 छात्राएं पंजीकृत हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है