बच्चों को नहीं मिली किताबें, कैसे होगी पढ़ाई

खानपुर : वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के तहत प्रखंड में शिक्षा एक मजाक बनकर रह गया है. सत्र की शुरुआत के बाद भी स्कूल के हजारों बच्चे किताब से दूर हैं. इन्हें अबतक पुस्तकें मुहैया नहीं करायी गयी है.राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की खूब चर्चा है.ऐसा ताना-बाना बुना जा रहा है मानो विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2016 4:24 AM

खानपुर : वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के तहत प्रखंड में शिक्षा एक मजाक बनकर रह गया है. सत्र की शुरुआत के बाद भी स्कूल के हजारों बच्चे किताब से दूर हैं. इन्हें अबतक पुस्तकें मुहैया नहीं करायी गयी है.राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की खूब चर्चा है.ऐसा ताना-बाना बुना जा रहा है मानो विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सफल बनाने में जुटी हो.जानकारों की माने तो कागज़ पर पूरी व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त दिखती है. लेकिन धरातल की सच्चाई कुछ और हीं बयां कर रहा है.

समय पर किताब मुहैया होती नहीं,सिलेबस पूरी होती नहीं,लेकिन सभी बच्चे उत्तीर्ण कर दिए जाते हैं. लेकिन हकीकत यही है की नए शैक्षिणकि सत्र के करीब एक माह बीतने को है लेकिन अबतक प्राथमिक व मध्य विद्यालय के बच्चों को पुस्तक मुहैया नहीं करायी गयी है.अविभावक चाह कर भी बाजार से किताबें नहीं खरीद सकते. क्योंकि नयी व्यवस्था के अनुसार बाजार में पुस्तक उपलब्ध नहीं है.

ऐसी परिस्थिति में सरकारी स्कूल के बच्चों के सामने परेशानी के सिबाय कुछ भी नहीं है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बातें ढकोसला साबित हो रही है.लोगों का मानना है की प्राइवेट स्कूलों में तो इतना भी है की इसकी पुस्तकें बाजार में उपलब्ध हो जाती है,लेकिन राज्य की ऐसी व्यवस्था हो गयी है की अविभावक चाहकर भी अपने बच्चों के लिए किताबें नहीं खरीद सकता है. इस तरह की व्यवस्था बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड कर रहा है.मुफ्त शिक्षा के चक्कर में बच्चों का भविष्य बिगडने की स्थिति में पहुंच गया है.एक शिक्षक ने बताया की इस व्यवस्था के वजह से बच्चों के साथ शिक्षक भी निरीह प्राणी नजर आते हैं. जिन्हें खुद समझ में नहीं आता की किताब के अभाव में बच्चों की पढ़ाई कैसे पूरी होगी. किताब समय पर नहीं मिलना कोई नयी बात नहीं है.यह समस्या लगभग हर वर्ष होती है.आलम है की समय पर पाठ्यक्रम पूरे नहीं हो पाते हैं,और शैक्षणकि लक्ष्य अधूरा रह जाता है.
शिक्षा विभाग की माने तो प्रखंड में कुल 134 प्राथमिक व मध्य विद्यालय है. जिसमें कक्षा एक से आठ तक कुल नामांकित बच्चों की संख्या 42542 है.प्रखंड शिक्षा विभाग के लेखापाल ने बताया की कक्षा छह व सात की पुस्तकें आयी है लेकिन पूरा नहीं है. कक्षा छह में 2867 व कक्षा सात में 2841 पुस्तकें आई है.अन्य किसी भी कक्षा की पुस्तक नहीं आयी है.
प्रखंड के कक्षा 1 से 8 तक नामांकित बच्चों की संख्या
कक्षा बच्चों की संख्या
पहला 3904
दूसरा 6016
तीसरा 6854
चौथा 6201
पांचवां 6098
छठा 4333
सातवां 5200
आठवां 3936
बच्चों के िलए नहीं आयी किताबें
इस संंबंध में बीइओ अनिल कुमार ठाकुर ने बताया की अबतक बच्चों के लिए किताबें नहीं आई है. सिर्फ कक्षा छह व सात के बच्चों के लिए आयी है.लेकिन वह भी पूरा नहीं है. किताब हर बच्चे को उपलब्ध करा दिया जायेगा. इसकी जानकारी वरीय अधिकारी को दे दी गयी है.
बिना किताब के बच्चे पा रहे हैं ज्ञान
सत्र की शुरु आत,पर उपलब्ध नहीं हुई किताब
पिछले वर्ष भी थी यही समस्या

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