डीआरएम को दिया हाजिर होने का निर्देश
समस्तीपुर : केंद्रीय प्रशासनिक न्यायपीठ (कैट) ने अवमानना के एक मामले में समस्तीपुर रेल मंडल के पूर्व सीनियर डीसीएम एमए हुमायूं को फटकार लगायी़ वहीं अलगी तारीख पर डीआरएम को हाजिर होने का आदेश दिया है. कैट की इस कार्रवाई से रेल अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है. कोर्ट ने वाणिज्य लिपिक रमेश कुमार […]
समस्तीपुर : केंद्रीय प्रशासनिक न्यायपीठ (कैट) ने अवमानना के एक मामले में समस्तीपुर रेल मंडल के पूर्व सीनियर डीसीएम एमए हुमायूं को फटकार लगायी़ वहीं अलगी तारीख पर डीआरएम को हाजिर होने का आदेश दिया है. कैट की इस कार्रवाई से रेल अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है. कोर्ट ने वाणिज्य लिपिक रमेश कुमार झा के बाद वाद पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. कैट के अनुसार रेल अधिकारी तीन वर्ष पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं कर रहे. वहीं कोर्ट के बार-बार उपस्थित होने के आदेश के बावजूद कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए हैं.
2008 में वाणिज्य लिपिक रमेश कुमार झा ने दायर कराया था वाद. वाणिज्य लिपिक रमेश कुमार झा ने कैट में मामला दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि रेलवे मंडल के अधिकारियों के मौखिक आदेश पर उन्हें मंडल के सुगौली स्टेशन पर प्रवर आरक्षण लिपिक के उच्चवेतनमान पर एक अक्तूबर 2004 से जबरन कार्य कराया गया. कर्मी ने वेतनमान 5000-8000 के उच्च पद पर कार्य करते हुए नियमानुसार स्थानापन्न वेतन देने का अनुरोध किया .
फरवरी 2013 में कैट ने उच्च वेतनमान के पद पर कार्य के फलस्वरूप देय स्थानापन्न वेतन का भुगतान तीन माह के अंदर करने का निर्देश देते हुए कोर्ट को सूचित करने का आदेश दिया था. कैट के आदेश का पालन नहीं होने पर उक्त कर्मचारी ने अवमामना वाद दायर किया. इसके प्रति उत्तर में तत्कालीन सीनियर डीसीएम एमए हुमायूं के जवाब को कोर्ट ने असत्य मानते हुए 15 अक्तूबर 2015 को अवमामना की कार्रवाई शुरू कर दी. कोर्ट ने मूल निर्णय के अनुपालन के लिए पुन: छह सप्ताह का समय दिया. लेकिन पुन: रेलवे अधिकारियों ने आदेश का अनुपालन नहीं किया.
कोर्ट ने पुन: आठ जनवरी 2016 को कठोर नराजगी व्यक्त करते हुए एक सप्ताह का समय दिया बावजूद कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. 29 अप्रैल 2016 को कोर्ट ने गहरी नाराजगी व्यवक्त करते हुए 12 जून को डीआरएम को हाजिर हो कर जबाव देने को कहा है.