सी सेट : विशेष कक्षा के तहत मिला मार्गदर्शन

समस्तीपुरः गुरुकुल शिक्षण संस्था ने अपने 12 वीं से जुड़े छात्रों के लिए बुधवार से दादपुर स्थित फेज टू में विशेष कक्षा के तहत मार्ग दर्शन देने का कार्य विशेषज्ञों की मदद शुरू कर दिया है. बताते चलें कि संस्था सी सेट के माध्यम से 12 वीं के सिलेबस को इतना विविधयामी और सारगर्भित बनाया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2014 4:16 AM

समस्तीपुरः गुरुकुल शिक्षण संस्था ने अपने 12 वीं से जुड़े छात्रों के लिए बुधवार से दादपुर स्थित फेज टू में विशेष कक्षा के तहत मार्ग दर्शन देने का कार्य विशेषज्ञों की मदद शुरू कर दिया है. बताते चलें कि संस्था सी सेट के माध्यम से 12 वीं के सिलेबस को इतना विविधयामी और सारगर्भित बनाया गया है कि छात्र मेहनत कर बेहतर प्रदर्शन दिखा सकेंग़े पुस्तक टारगेट 2014 स्वअध्ययन मूल्यांकन करने के लिये प्रेरित करता है.

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित की जाने वाली 12वीं की परीक्षा में 11 वीं कक्षा के भी सवाल पूछे जाएंग़े प्रश्नों के चार सेट तैयार किए जा रहे हैं. गुरुकुल के निदेशक सौरभ कुमार ने बताया कि 12 वीं की परीक्षा में 80 प्रतिशत सवाल 12 वीं के कोर्स से पूछे जाएंग़े उसके अलावा 20 फीसद सवाल 11 वीं से पूछे जाएंग़े आज का समय कड़ी प्रतिस्पर्धा का समय है. इसलिए हमें अपने अंदर ज्ञान की चिनगारी को सदैव सुलगाये रखना चाहिय़े उन्होंने बताया कि आंतरिक जांच परीक्षा में पास व 12 वीं कक्षा में 85 फीसदी उपस्थिति दर्ज करने वाले छात्र ही 19 जनवरी को आयोजित होने वाले सी सेट मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे. इसमें उत्तीर्ण होने वाले छात्र ही टॉप टेन की सूची में शामिल होंगे. गुरु मिनेश ने बताया कि चयनित छात्रों की सूची तैयार कर विशेष कक्षा 22 जनवरी से शुरू की जायेगी. इसके लिए 24 घंटे का कार्यक्रम तैयार किया जायेगा.

इस क्रम में संस्था छात्रों को नि: शुल्क रहने व खाने की भी सुविधा उपलब्ध करायेगी. गणित के अरविंद मंजित का कहना है कि निर्धारित विषयों में से ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों के उत्तरों को पूछना छात्रों की प्रवृत्ति होती है. जो छात्रों के समझने की शक्ति और क्षमता को दर्शाता है. जिसे सी सेट ने विकसित किया है. रसायन शास्त्र के अनिल कुमार सिंह की मानें तो रसायन से आंशिक पाला छात्रों को नवीं कक्षा में पड़ता है.

ग्यारहवीं कक्षा में पूर्ण विषय के रूप में रसायन से पाला पड़ता है. इसलिए समझने में कुछ कठिनाई होती है. छात्र जो पढ़ें उसकी व्याख्या अपनी भाषा में लिखकर करें. अगर छात्र पूरी परिभाषा सही सही बताते हैं तब उच्च अंक मिलेंग़े लेकिन यह संक्षिप्त प्रश्नों के लिए है. दीर्घस्तरीय उत्तरों में स्ट्रक्चर भी बनाना जरूरी है. अन्यथा अंकों से वंचित हो जाएंग़े उन्होंने बताया कि रिएक्शन के मेकैनिज्म, कन्वजर्न पर फोकस करना अति आवश्यक है.

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