बंद पड़े नलकूप हों चालू : राय

कार्यक्रम. लघु सिंचाई कर्मचारी संघ का राज्य अधिवेशन शुरू समस्तीपुर : राज्य में किसानों को पटवन की सुविधा सुचारु रूप से देने के लिये आवश्यक है कि राज्य के सभी बंद पड़े नलकूपों को चालू किया जाये, जिससे किसानों की समस्या दूर हो सके. यहीं नहीं, सिंचाई योजनाओं को भी दुरुस्त कर उसके माध्यम से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2016 2:03 AM

कार्यक्रम. लघु सिंचाई कर्मचारी संघ का राज्य अधिवेशन शुरू

समस्तीपुर : राज्य में किसानों को पटवन की सुविधा सुचारु रूप से देने के लिये आवश्यक है कि राज्य के सभी बंद पड़े नलकूपों को चालू किया जाये, जिससे किसानों की समस्या दूर हो सके.
यहीं नहीं, सिंचाई योजनाओं को भी दुरुस्त कर उसके माध्यम से बेहतर सिंचाई दें. यह बातें बिहार राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शशिकांत राय ने लघु सिंचाई कर्मचारी संघ के 8 वें राज्य स्तरीय खुला अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए कहीं. कर्मचारी महासंघ भवन में दो दिवसीय अधिवेशन की शुरुआत शनिवार से हुई.
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज कई जगहों पर दैनिक, वेतनभोगी, मौसमी व कार्यरत कर्मचारी की सेवा को विभाग को नियमित करना चाहिए.
वक्ताओं ने कहा कि विभाग में प्रधान सहायक, प्रधान लिपिक के रिक्त पदों पर प्राेन्नति दी जाये. चतुर्थ वर्ग को तृतीय वर्ग के रिक्त पदों पर प्रोन्नति दी जाये. छंटनीग्रस्त कर्मचारियों को फिर से सेवा में बहाल करना चाहिए. इस बाबत सर्व सम्मति से एक प्रस्तवा बैठक में पारित किया गया. अगामी दो सितंबर को होने वाले राष्ट्रीय स्तर के अधिवेशन को सफल बनाने का आह्वान किया गया.
इससे पहले कर्मचारियों की सभा को समस्तीपुर के लोक सभा सदस्य रामचंद्र पासवान ने भी सभा को संबोधित किया. मौके पर महामंत्री राज किशोर राय, लक्ष्मी कांत झा ने अपना प्रतिवेदन पेश किया. आय व्यय का लेखा जोखा भी दिया. मौके पर राज्य के सभी जिलो से आये कर्मचारी, अभियंता, डाटा इंट्री ऑपरेटर आदि शामिल थे.
प्रोन्नति व नियमितीकरण की मांग
कर्मचारियों ने निकाला जुलूस
अधिवेशन की शुरुआत शहर में जुलूस निकालकर की गयी. हाथों में तख्ती लटकाये कर्मचारी अपने हक की मांग सरकार से कर रहे थे. वहीं कर्मचारी संगठन के माध्यम से अपने हकों की पूरा करने की मांग सरकार से कर रहे थे. शहर के थानेश्वर स्थान मंदिर, ओवर ब्रीज होते हुए यह जुलूस शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरकर संघ स्थल पर ही जाकर समाप्त हुआ.

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