आवेदन के बावजूद भवनों की मरम्मत नहीं
समस्तीपुर : जर्जर व कंडम मकानों में रेल कर्मियों की रात आंखों में कटती है. जर्जर मकानों को ठीक करने के लिए कर्मचारियों ने रेलवे अधिकारियों को आवेदन भी दिया है. बावजूद इस पर रेल प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. ऐसे में कोई बड़ा हादसा हो जाये तो आश्चर्य नहीं होगा. यह तो महज संयोग है कि गुरुवार शाम अटेरन चौक के पास 414 डी क्वार्टर के बाथरूम की छत गिर गयी उस वक्त बाथरूम में कोई नहीं था.
नहीं तो लोगों की जान जा सकती थी. रेलवे सूत्रों की माने तो समस्तीपुर रेल मंडल में अंग्रेजों के बनाये कई बंगले व क्वार्टर हैं. इसे रेलवे प्रशासन ने कंडम घोषित कर दिया है. बावजूद उस मकानों में रेल कर्मी रह रहे हैं. रेलकर्मियों की मजबूरी है कि वह आखिर कहां जायेंगे. कुछ स्थानों पर नये रेलवे क्वार्टर बनाये गये हैं.
गत वर्ष ठेकेदार द्वारा रेलवे को हैंड ओवर किया गया मकान भी बरसात में चूने लगा है. ऐसी स्थिति में पुराने मकान को छोड़ लोग नया मकान में जाना नहीं चाहते हैं. कर्मी पुराने मकान को ही मरम्मत कराकर देने को कहते हैं. मंडल मुख्यालय स्थित रोड नंबर 17 की बात करें तो यहां 37 यूनिट नया मकान बनाना है. अबतक बीस यूनिट मकान का ही निर्माण हो पाया है. ऐसी स्थिति में लोग कंडम घोषित मकानों में रहने को विवश हैं.
सौ से अधिक जर्जर मकानों को किया जा चुका है ध्वस्त
मंडल मुख्यालय में कंडम घोषित सौ से अधिक यूनिट मकानों को रेलवे ध्वस्त कर चुका है, जबकि मुख्यालय में पचास से अधिक ऐसे मकान हैं, जिससे रेल कर्मी यह कहते हुए खाली नहीं कर रहे हैं कि वह कहां जायेंगे. इस मकान को ही मरम्मत करा दिया जाये. हाल ही में रेलवे ने सौ यूनिट नये मकान बनाकर कंडम घोषित सौ रेलवे क्वाटर को ध्वस्त किया है. इसके बदले नये मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. सूत्रों ने बताया कि मेडिकल कॉलोनी, डीएस कॉलोनी, रोड नंबर 16,17, लोको शेड कॉलोनी आदि कॉलोनियों में भी कई मकान कंडम घोषित हैं, लेकिन उक्त मकानों में रेल कर्मी रहे रहे हैं.
मकान गिरने से कई रेल कर्मियों की जा चुकी है जान
समस्तीपुर रेल मंडल के मोतिहारी, मुजफ्फरपुर में रेलवे क्वार्टर गिरने से दब कर कई रेल कर्मियों की मौत हो चुकी है. घटना के बाद रेलकर्मियों ने हंगामा भी किया था. मोतिहारी में रेलवे क्वार्टर गिरने से मौत के मामले की जांच चल रही है.