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शहर में 15 रुपये बिक रहे गोभी, बैंगन 10 रुपये किलो

नोटबंदी के बाद औंधे मूंह गिरा हरी सब्जियों का भाव समस्तीपुर : पांच सौ एवं एक हजार रुपये के नोट बंद करने का सीधा असर सब्जी उत्पादक किसानों पर पड़ा है. नोट बंदी के पहले आठ नवंबर को फूलगोभी जहां 60 रुपये किलो बिक रहे थे. वहीं आज की तिथि में शहर में 15 रुपये […]

नोटबंदी के बाद औंधे मूंह गिरा हरी सब्जियों का भाव

समस्तीपुर : पांच सौ एवं एक हजार रुपये के नोट बंद करने का सीधा असर सब्जी उत्पादक किसानों पर पड़ा है. नोट बंदी के पहले आठ नवंबर को फूलगोभी जहां 60 रुपये किलो बिक रहे थे. वहीं आज की तिथि में शहर में 15 रुपये किलो बेचे जा रहे हैं. बैंगन 40 रुपये किलो बिक रहा था, जबकि अभी इसकी कीमत 12 रुपये किलो है. ग्रामीण क्षेत्र में तो इसकी कीमत और भी काफी कम है. शहर के स्टेशन रोड, राम बाबू चौक, कचहरी, ताजपुर रोड, भोला टाॅकिज, आजाद चौक आदि स्थानों पर हरी सब्जियों की बिक्री होती है.
यह सब्जी ग्रामीण क्षेत्र से खरीदकर लाये जाते हैं. सोमवार को बाजार में हरी सब्जियों की जो कीमत रही वह काफी चौंकाने वाली थी. बताया जाता है कि आठ नवंबर को फूलगोभी 60 रुपये प्रति किलो बिक रहे थे, जबकि बैंगन 30 रुपये प्रति किलो. सोमवार को फूलगोभी 15 रुपये बेचे जा रहे थे, जबकि बैगन की कीमत 12 रुपये किलो थी. परवल 30 रुपये एवं भिंडी का रेट 40 रुपये प्रति किलो था.
आलू की कीमत में भी थोड़ी कमी आयी है. नया आलू 40 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं, जबकि पुराना आलू 14 रुपये प्रति किलो. ग्रामीण हाट में तो सब्जियों का कोई भाव ही नहीं है. सातनपुर, बिरौली, बहदुरा, शंभूपट्टी, सरायरंजन आदि बाजार में हरी सब्जियों की कीमत सुनकर आप चौंक जायेंगे. इन हाटों में बैगन का रेट छह से आठ रुपये प्रति किलो था, जबकि फूलगोभी की कीमत भी सात से 10 रुपये तक थी. काफी मेहनत कर सब्जियों का उत्पादन करने वाले किसान नोटबंदी से ज्यादा प्रभावित हुए हैं. उन्हें लागत भी सही से नहीं मिल पाता है.
दूसरे राज्यों में नहीं भेजी जा रहीं सब्जियां : बताया जाता है कि प्रतिदिन दस से पंद्रह ट्रक सब्जियां पश्चिम बंगाल, असम समेत अन्य राज्यों में भेजे जाते थे. पांच सौ एवं एक हजार रुपये के नोट बंद होने के बाद इन सब्जियों को किसान दूसरे राज्यों में नहीं भेज पा रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो सके. खासकर उजियारपुर,
दलसिंहसराय, ताजपुर, पूसा आदि प्रखंड के किसान इन सब्जियों को दूसरे राज्यों में भी भेजते रहे हैं. पांच सौ एक हजार का पुराना नोट लेने के लिए ट्रक ऑनर तैयार नहीं है. इस वजह से इन सब्जियों को स्थानीय स्तर पर ही बेचा जा रहा है. पर्याप्त मात्रा में हरी सब्जियां उपलब्ध होने के कारण सब्जियों का रेट काफी गिर गया है.
बाजार समिति पर भी पड़ा असर
समस्तीपुर बाजार समिति से प्रतिदिन दस टन सब्जियां दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी समेत अन्य जिलों में जाते हैं. ट्रेन एवं छोटे ट्रक से ये सब्जियां जाती हैं. सीतामढ़ी समेत अन्य जिले के व्यापारी अहले सुबह से ही बाजार समिति में खरीदारी के लिए पहुंचते रहे हैं. पर इन दिनों इन व्यापारियों की संख्या भी काफी कम हो गयी है. सब्जी के कारोबार से जुड़े राम सुरेश सिंह ने बताया कि पहले जैसी बिक्री सब्जियों की नहीं है. दूसरी ओर पहले से ज्यादा मात्रा में सब्जियां आढ़त में आ रही हैं. इस वजह से भी सब्जियों के दाम कम हुए हैं. वैसे उनका यह भी कहना है कि नोट बंदी के तीन चार दिन तो सब्जियों की बिक्री पर भी असर दिखा. हालांकि, फिर यह ठीक हो गया है.

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