शिक्षिका हो तो क्या, विधवा हो, सूट नहीं, सफेद साड़ी पहनो ?

सामाजिक प्रताड़ना से तंग आकर शिक्षिका ने दर्ज करायी प्राथमिकी विधवा के प्रति आज भी समाज में कुछ लोग रखते हैं संकीर्ण मानसिकता रोसड़ा : तुम शिक्षिका हो गयी, तो क्या हुआ. आखिर हो तो विधवा. तुम सूट नहीं सफेद साड़ी पहना करो. सुबह-सुबह चली आती है इस होकर. तुमको देखने से जतरा खराब हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2016 4:52 AM

सामाजिक प्रताड़ना से तंग आकर शिक्षिका ने दर्ज करायी प्राथमिकी

विधवा के प्रति आज भी समाज में कुछ लोग रखते हैं संकीर्ण मानसिकता
रोसड़ा : तुम शिक्षिका हो गयी, तो क्या हुआ. आखिर हो तो विधवा. तुम सूट नहीं सफेद साड़ी पहना करो. सुबह-सुबह चली आती है इस होकर. तुमको देखने से जतरा खराब हो जाता है. कुछ इसी तरह की कमेंट से परेशान एक शिक्षिका ने पुलिस का सहारा लिया. जब पुलिस भी कार्रवाई नहीं की तो, मानवाधिकार आयोग समेत अन्य आयोगों का दरवाजा खटखटाया. उसने अपनी शिकायत में समाज की संकीर्ण मानसिकता को उजागर करते हुए न्याय की गुहार लगायी है. एक महादलित विधवा को किस तरह लोग उसके पहनावे पर कमेंट कर प्रताड़ित करते हैं, उसको उसने अपने शिकायत पत्र में जिक्र किया है.
ऐसा नहीं है कि उसने इस बात को अपने गांव समाज के लोगों के समक्ष नहीं रखा. बल्कि गांव समाज के लोगों ने जब उसे इसमें सहयोग नहीं दिया, तब जाकर उसने कानून का सहारा लिया. पुलिस के पास इस तरह की शिकायत तो की ही, मानवाधिकार आयोग के साथ अनुसूचित जाति आयोग एवं महिला आयोग का भी दरवाजा खटखटाया है. बात कर रहे हैं महादलित जाति से आने वाली विधवा शिक्षिका वीणा कुमारी का. वह मध्य विद्यालय करियन में शिक्षिका हैं.
उसने रोसड़ा थाना में इसको लेकर चार नवंबर को ही आवेदन दिया था. शिक्षिका वीणा के आवेदन पर थानाध्यक्ष मुनीर आलम ने एससी/एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं के तहत उसी दिन एफआइआर भी दर्ज कर लिया़ डेढ़ माह के बाद भी पुलिस द्वारा किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर शिक्षिका ने न्याय के लिए मुख्यमंत्री समेत महिला आयोग, मानवाधिकार, डीएम, डीइओ, एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ, बीडीओ एवं बीइओ को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है़
दर्ज प्राथमिकी में घटना की तिथि 28 अक्तूबर 16 की सुबह साढ़े नौ बजे की घटना बताते हुए कहा है कि करियन गांव के ज्योति कुमार मिश्र उर्फ बबबू मिश्र विद्यालय पर आये. उनके साथ जाति सूचक गाली-गलौज करने लगे़ उन्होंने मुझे अनुसूचित जाति के रहने का एहसास दिलाते हुए स्कूल में नहीं रहने देने की बात कही़ साथ ही इस गांव में सवर्ण जाति के लोगों के रहने के कारण उक्त शिक्षिका से छुआ जाने एवं देखने के बाद लोगों का जतरा खराब हो जाने की बात कही.
शिक्षिका ने कहा है कि विद्यालय से भाग जाने अन्यथा जान से मारने की धमकी भी दी जाती है़ उसने आवेदन में यह भी कहा है कि नौ फरवरी 16 को गांव की महिला सिंधु, भारती एवं सुनैना द्वारा भी इसी तरह का दुर्व्यवहार किया गया था़ जिसकी शिकायत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व बीडीओ शिवाजीनगर एवं अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर की थी़
शिक्षिका ने एक साजिश तहत तंग तबाह किये जाने का आरोप लगाते हुए एचएम की शिथिलता पर भी प्रश्न उठाया है़ साथ ही कभी भी असामाजिक तत्वों के द्वारा जानलेवा हमला करवाये जाने की आशंका व्यक्त की है़
दो साल से कर रहे प्रताड़ित
शिक्षिका ने बताया है कि विगत दो वर्षों से वह प्रताड़ित होते आ रही है़ लोग ऊंच नीच जाति का एवं विधवा होने का पूरी तरह से उन्हें अहसास करा दिया है़ उसने बताया कि कुछ लोग उन्हें कहते हैं कि ‘तुम विधवा हो, सुबह-सुबह स्कूल आती हो, विधवा का मुंह देखना अशुभ माना जाता है. तुम हमलोगों के सामने नहीं आया करो, इससे जतरा खराब हो जाता है, तुम्हें खान-पान में संयम रखनी चाहिए़’ महिला ने आगे बताया कि उसे परेशान करने के लिए उनकी स्कूटी वाहन का ब्रेक तीन-चार बार तोड़ दिया गया, टायर पंक्चर कर दिया गया. बैग से पैसे ले लिया गया़ स्कूल से भगाने के लिए भिन्न-भिन्न तरीके से परेशान करने का आरोप लगाया है़ साथ ही कहा है कि थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद शिवाजीनगर के बीईओ ने उल्टे शिक्षिका से ग्रामीणों के दबाव में आकर उनसे स्पष्टीकरण पूछ दिया़ साथ ही एचएम पर भी केस उठाने का दबाव बनाये जाने का आरोप लगायी है

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