बैंकों की चौखट पर दम तोड़ रहा आवेदन

समस्तीपुर : वित्तीय वर्ष अब धीरे-धीरे समाप्ति की ओर हैं. वहीं वर्ष के नौ माह से अधिक समय गुजर चुके हैं. मगर, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत अभी तक आवेदकों को ऋण नहीं मिल पाया है. इस साल अब तक 231 आवेदन टास्क फोर्स से स्वीकृत होकर विभिन्न बैंकों को भेजे गये हैं. मगर, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2017 5:24 AM

समस्तीपुर : वित्तीय वर्ष अब धीरे-धीरे समाप्ति की ओर हैं. वहीं वर्ष के नौ माह से अधिक समय गुजर चुके हैं. मगर, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत अभी तक आवेदकों को ऋण नहीं मिल पाया है. इस साल अब तक 231 आवेदन टास्क फोर्स से स्वीकृत होकर विभिन्न बैंकों को भेजे गये हैं. मगर, अभी तक कोई भी आवेदन को ऋण मुहैया नहीं हो सका है. इसमें केवीआइसी के 24 आवेदन भी शामिल हैं. वहीं विभाग की 30 दिनों के अंदर आवेदनों को स्वीकृत करने की समय सीमा भी काम नहीं कर रही है. इसके कारण अभी तक अधिकांश आवेदन सिर्फ ऑनलाइन ही दर्ज किये जा सके है.

सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 90 लोगों को 1.80 करोड़ की ऋण स्वीकृति की सीमा तय की है. वहीं प्रगति को देखते हुए लगता है कि इस बार भी लोगों को उद्योग लगाने की हसरत अधूरी ही रह जायेगी. बता दें कि पीएमइजीपी योजना में पहले कई आवेदन तो बैंकों की चौखट तक ही दम तोड़ देती थी. टास्क फोर्स के अनुमोदन के बाद भी आवेदनों को स्वीकृति नहीं मिल पाती थी. इसमें सुधार के लिए विभाग ने 30 दिनों की डेडलाइन की समय सीमा तय की थी. इसके अंदर ही बैंकों को या तो आवेदनों को स्वीकृत कर देना होता था. या फिर उन्हें अस्वीकृत. 30 दिनों की समय सीमा खत्म हो जाती तो ऐसे आवेदनों को स्वीकृत मान लेने को कहा गया था. इस बाबत एलडीएम भागीरथ साव ने बताया कि अभी ऑनलाइन ही सभी आवेदन है़

खुशनुमा माहौल में बीता नये साल का पहला दिन
साल का पहला दिन शहरवासियों के लिये सुकूनदायक रहा. न कहीं शोर-शराबा दिखा और न ही हुल्लड़बाजी. लोग अपने घर परिवार के साथ नये साल को इंज्वाय करते रहे. लोगों ने नये साल को बड़े ही खुशनुमा माहौल में इंज्वाय किया. शहर में शांति दिखी.
साल के पहले दिन शहरी क्षेत्र में 16 घंटे बिजली रही, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 10 से 12 घंटे बिजली आपूर्ति की गयी. पहले दिन जिले को कुल 28 मेगावाट बिजली मिली. वहीं इस जिले को जरूरत के हिसाब से 52 मेगावाट बिजली चाहिए.
साल के पहले दिन घने कोहरे की वजह से दर्जनभर ट्रेनें लेट रहीं. घना कोहरा का आलम यह है कि पांच जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों को भी रेलवे ने रद्द कर दिया, जबकि लंबी दूरी की ट्रेनें पूर्व की तरह घंटों विलंब से चल रही है. रांची जयनगर एक्सप्रेस करीब चार बजे विलंब से चली, जबकि टाटानगर से छपरा एक्सप्रेस भी करीब साढ़े तीन घंटे लेट रही. नई दिल्ली से आनेवाली वैशाली, बिहार संपर्क क्रांति, स्वतंत्रता सेनानी समेत अन्य ट्रेनें काफी विलंब से चल रही हैं. ये स्थिति कोहरे के कारण पहले से ही बनी है़
साल के पहले दिन सिने प्रेमियों की भीड़ दंगल देखने के लिए सिनेमाघरों में उमड़ गयी. साल के पहले दिन को इंज्वाय करने के लिये युवा सिनेमाघरों में दिखे. हालांकि, विभिन्न चैनलों पर प्रसारित होने वाले मनोरंजन चैनलों पर भी लोग जमे रहे. साल के पहले दिन कार्यालय एवं स्कूलों में अवकाश रहने के साथ साथ रविवार का भी दिन था, इस वजह से अधिकांश लोगों ने अपने परिवार के साथ ही समय बिताया.
साल के पहले दिन शहर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह सामान्य दिखी. सड़कों पर भारी वाहनों के साथ-साथ छोटे वाहन कम ही दिखे. हां, लोगों को परिवार के साथ मंदिरों में पूजा अर्चना करने के लिये जाते हुए देखा गया. लोग पिकनिक मनाने के लिये भी जाते दिखे. छोटे बच्चों की धमाचौकरी मैदानों एवं पार्कों में दिखी.
पहली बार शराबबंदी का असर नव वर्ष पर दिखा. पिछले साल को देखें तो शराब के कारण सड़क दुर्घटनाएं काफी हुई थी. शराब पीकर बाइक एवं वाहन चलाते समय ज्यादा दुर्घटना हुआ करती थी. इस साल सड़क दुर्घटना न के बराबर हुई. चौक-चौराहों पर शोर शराबा एवं हुल्लरबाजी तो होती थी, वह नहीं हुई.
सुबह में दूध तो दोपहर में मीट मुर्गा की बिक्री रही तेज बिक्री काफी रही. घर में पकवान बनाने के लिये लोग दूध की खरीदारी करने के लिए दुग्ध केंद्रों पर दिखे, जबकि दोपहर से मीट, मुर्गा एवं मछली खरीदने के लिये लोगों की भीड़ दिखी. शहर में जमकर इसकी बिक्री हुई. मिठाइयों की बिक्री भी रही.

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