चार घंटे तक सड़कों पर वाहनों का परिचालन ठप

समस्तीपुर : मानव शृंखला को लेकर जिले के प्रमुख मार्ग करीब चार घंटे तक पूरी तरह ठप रहा. राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 28 पर बंगरा से दलसिंहसराय के रसीदपुर तक मानव शृंखला का निर्माण कराया गया था, जबकि जिले की प्रमुख सड़कों में शुमार मुसरीघरारी से दरभंगा जाने वाली सड़क पर भी मानव शृंखला बने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2017 3:33 AM

समस्तीपुर : मानव शृंखला को लेकर जिले के प्रमुख मार्ग करीब चार घंटे तक पूरी तरह ठप रहा. राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 28 पर बंगरा से दलसिंहसराय के रसीदपुर तक मानव शृंखला का निर्माण कराया गया था, जबकि जिले की प्रमुख सड़कों में शुमार मुसरीघरारी से दरभंगा जाने वाली सड़क पर भी मानव शृंखला बने हुए थे.

यही हाल दलसिंहसराय से विद्यापतिनगर होते हुए मोहनपुर प्रखंड मुख्यालय एवं दलसिंहसराय से विभूतिपुर होते हुए रोसड़ा, हसनपुर के रास्ते बिथान तक की सड़कों पर भी मानव शृंखला बने हुए थे. पूसा प्रखंड मुख्यालय से कल्याणपुर चौक एवं मथुरापुर घाट से शिवाजीनगर होते हुए सिंघियाघाट तक मानव शृंखला थी. प्रशासन के द्वारा पहले से ही घोषणा कर रखी गयी थी कि अधिकारियों, मानव शृंखला से जुड़े वाहनों, न्यायाधीशों, मीडिया के अलावा सिर्फ आपातकालीन वाहन ही चलेंगे. खासकर मरीजों को ज्यादा परेशानी हुई. एंबुलेंस से आने वाले मरीजों को तो आने दिया जा रहा था, किंतु जो निजी वाहन से आना चाहते थे उन्हें रोका जा रहा था. वाहनों पर रोक के कारण कई लोग अपनी बाइक पर चढाकर मरीजों को अस्पताल तक लाये. सबसे बड़ी बात तो यह है प्रशासन के द्वारा इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी थी.

पानी के लिए तरसते रहे बच्चे, नहीं की गयी थी कोई व्यवस्था : मानव शृंखला में शामिल कराने के लिये लाये गये बच्चों के लिये पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी. खासकर सरकारी स्कूल के बच्चे प्यास से हलकान दिखे. मगरदहीघाट पर कई ऐसे छोटे छोटे बच्चे इस मानव शृंखला में शामिल थे जो तेज धूप की वजह से परेशान थे. सरकारी स्कूल के ये बच्चे पानी के लिये तरस रहे थे. हालांकि ओवरब्रिज पर एक निजी स्कूल के दर्जनों बच्चे भी इसमें शामिल थे. स्कूल प्रशासन के द्वारा अपने स्कूल के बच्चों को पानी पिलाया जा रहा था. निजी स्कूल के छोटे छोटे बच्चों ने तो अपने साथ पानी की बोतलें भी ले रखी थी. पर सरकारी स्कूल के बच्चे करीब तीन घंटे तक भूखे प्यासे लाइन में खड़े रहे. इन बच्चों को दस बजे में ही लाइन में खड़ा कर दिया गया था.

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