लोगों के घरों में नहीं जले चूल्हे, मातम
कल्याणपुर : प्रखंड अंतर्गत वासुदेवपुर पंचायत के सरपंच हरिशंकर भगत की मौत की खबर सुनते ही पंचायत में मातमी सन्नाटा पसर गया. ज्ञात हो कि सरपंच का शव पंचायत भवन के समीप एक आम के बगीचे में पेड़ की डाल से लटका पाया गया़ जैसे ही लोगों की नजर उक्त पेड़ से लटकी सरपंच के […]
कल्याणपुर : प्रखंड अंतर्गत वासुदेवपुर पंचायत के सरपंच हरिशंकर भगत की मौत की खबर सुनते ही पंचायत में मातमी सन्नाटा पसर गया. ज्ञात हो कि सरपंच का शव पंचायत भवन के समीप एक आम के बगीचे में पेड़ की डाल से लटका पाया गया़ जैसे ही लोगों की नजर उक्त पेड़ से लटकी सरपंच के शव पर पड़ी लोग हैरान हो गये.
धीरे-धीरे यह खबर पंचायत सहित पूरे प्रखंड में फैल गया. लोगों की भीड़ घटनास्थल पर पहुंचने लगी. सभी मर्माहत दिख रहे थे. वहीं सरपंच के वृद्ध पिता बसंत भगत, भाई शिवशंकर भगत, विक्रम भगत, पत्नी सुनीता देवी, पुत्र राज कुमार, पंकज, सुजीत व आदित्य का रो-रोकर बुरा हाल था़ वहीं पत्नी सुनीता तो कलेजा पीटते-पीटते बेसुध हो जाती थी़ होश आने पर कहती थी कि अब केना हमर जिंदगी बिततई़ सरपंच के चार पुत्रों का भी रो-रोकर बुरा हाल था़ वृद्ध पिता बसंत का सबसे बड़ा पुत्र था सरपंच हरिशंकर. वहीं पुत्रों का कहना था कि वे शनिवार के दो बजे दिन से ही गायब थे. सरपंच के निधन से पूरे पंचायत में मातमी सन्नाटा फैल गया़ लोगों के घरों के चूल्हे नहीं जल़े लोग रविवार की अहले सुबह जब सोकर उठे, तो उसे सरपंच की मौत की जानकारी मिली़ चारों ओर लोगों के रोने की आवाज से लोग बड़े ही भावुक दिख रहे थ़े उनके जेहन में बार बार सवाल कौंध रहा था कि हत्या के पीछे किसका हाथ है. इस सवाल का जवाब पाने के लिए सभी की नजरें पुलिस प्रशासन पर आ टिकी है.