तैयारी वार्ड से लड़ने की, नजर चेयरमैन की कुरसी पर

समस्तीपुर : नप चुनाव की सरगर्मी शहर में तेज हो गयी है़ आरक्षण रोस्टर से उम्मीदवारों का कुछ मनोबल तो टूटा है, लेकिन सीटिंग कहां छोड़ने वाले, छोड़े भी क्यों आखिर नगर परिषद की राजनीति तो करनी ही है़ बस अपने हिसाब से उन्होंने पड़ोस के वार्ड का चयन कर लिया है. भले ही बात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2017 8:04 AM
समस्तीपुर : नप चुनाव की सरगर्मी शहर में तेज हो गयी है़ आरक्षण रोस्टर से उम्मीदवारों का कुछ मनोबल तो टूटा है, लेकिन सीटिंग कहां छोड़ने वाले, छोड़े भी क्यों आखिर नगर परिषद की राजनीति तो करनी ही है़
बस अपने हिसाब से उन्होंने पड़ोस के वार्ड का चयन कर लिया है. भले ही बात वार्डक्षेत्र में अपना रसूख रखने वाले से अनुमति की हो लेकिन उनसे मिलने के बहाने कैंपेनिंग शुरू कर दी गयी है़ इधर, नगर परिषद की बात कर लें, तो यहां चेयरमैन की कुरसी अनारक्षित अन्य कोटे में है़
नतीजा है कि भले ही फिलहाल वार्ड पार्षद के लिए नामांकन की तैयारी चल रही है, लेकिन लक्ष्य तो चेयरमैन की कुरसी को ही माना जा रहा है़ सीटिंग में से कितने मैदान में आते हैं और कौन-कौन अबकी चुनाव से तौबा करने वाले हैं ये तो नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा़
इस चुनाव कई नये चेहरे चुनाव की तैयारी में दिखाई दे रहे हैं. इसमें अधिकांश तो युवा चेहरे हैं. वैसे मिल बैठकर विचार कर लेने के मुद्दे पर संभावित प्रत्याशियों को मैनेज करने की भी कोशिश उसी रफ्तार से जारी है़ चेयरमैन की कुरसी को लेकर भी अंदर-अंदर गुटबाजी चल रही है़
जातीय आरक्षण पर मंथन जारी :
सभी वार्ड में अभी से ही नये संभावित प्रत्याशियों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है़ वार्ड की चौहद्दी व जातीय आरक्षण जैसे मुद्दे चर्चा का विषय बना हुआ है़ मंथन इस बात पर भी हो रही है कि यदि निर्धारित वार्ड आरक्षित हो गया, तो विकल्प क्या बचेगा़ बहरहाल शहर के सभी 29 वार्ड की चौहद्दी के अनुसार संभावित प्रत्याशियों ने जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है़
मोहल्ले की समस्याओं की सूची भी बनायी जा रही है, ताकि वर्तमान वार्ड पार्षद को घेरा जा सके. चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने पर अनेक कार्यक्रम आयोजित होने की वजह से अब यह चुनाव जून में कराये जाने के कयास लगाये जा रहे हैं. इधर, चुनाव को लेकर शहर के प्रबुद्ध नागरिकों का कहना है कि उनके मोहल्ले में बजबजाती नालियां और उसके ऊपर टूटे स्लैब के कारण राह चलना मुश्किल हो गया है़ ऐसे में नये प्रत्याशियों के समक्ष मुद्दों की कमी नहीं होगी.
प्रत्याशियों को बनवाना होगा दंडाधिकारी से शपथ पत्र : नगरपालिका आम निर्वाचन 2017 में नोटरी पब्लिक द्वारा निर्गत शपथ पत्र को मान्यता नहीं दी गयी है़ प्रत्याशियों को नाम निर्देशन पत्र के साथ दाखिल शपथ पत्र अब कार्यपालक दंडाधिकारी से बनाना होगा़
नोटरी पब्लिक द्वारा बनाये गये शपथ पत्र प्रत्याशियों से स्वीकार नहीं किये जायेंगे. अभ्यर्थियों को आरक्षित कोटि से निर्वाचन लड़ने की स्थिति में सीओ, एसडीओ व डीएम द्वारा जनवरी 2017 से निर्गत संबंधित कोटि का जाति प्रमाणपत्र की मूल प्रति नाम निर्देशन पत्र के साथ जमा करना होगा. इसके अलावा 31 मार्च 2017 तक का बकाया कर राशि चुकता करने का प्रमाणपत्र प्रत्याशियों के साथ प्रस्तावक व समर्थकों को भी देना होगा.

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