समस्तीपुर : प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना के दूसरे चरण में जिले 998 स्कूलों को शार्टलिस्टेड किया गया है. शार्टलिस्टेड स्कूलों को 31 जुलाई तक आवेदन करना होगा. इसके बाद जिले के डीईओ भौतिक सत्यापन करेंगे कि ये स्कूल पीएम- श्री योजना के मानकों के अनुरूप हैं या नहीं. सात अगस्त तक सत्यापन रिपोर्ट देनी होगी. इसके बाद 8 से 12 अगस्त के बीच स्कूलों का अप्रूवल होगा और 20 अगस्त को अंतिम सूची जारी की जायेगी. मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक 434 विद्यालय इससे जुड़ प्रक्रिया को पूरी करने में जुटे है. वहीं, 244 विद्यालय प्रक्रिया को पूरी कर चुके है. जबकि 125 विद्यालय इससे जुड़े मानक पर खड़े उतरे हैं. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया के तहत सभी विद्यालयों को जारी समयानुसार कार्यों को पूरा करने की नसीहत दी है. योजना के अंतर्गत सरकार स्कूलों को नवीनतम तकनीक, स्मार्ट कक्षा, खेल और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अपग्रेड करेगी. ऐसे में भारत सरकार की प्रधानमंत्री श्री योजना स्कूलों को नया रूप देने में एक बड़ी भूमिका निभाने वाली है. इसका उद्देश्य प्रत्येक छात्र के लिए समावेशी और स्वागत करने वाला माहौल बनाना, उनकी भलाई सुनिश्चित करनी और एक सुरक्षित और समृद्ध शिक्षण वातावरण प्रदान करना है. पीएम श्री स्कूलों का चयन ‘चैलेंज मोड’ के माध्यम से किया जाता है. जो स्कूल कुछ न्यूनतम मानदंडों (अच्छी स्थिति में एक पक्की इमारत, बैरियर फ्री एक्सेस रैंप, बॉयज व गर्ल्स के लिए कम से कम एक-एक टॉयलेट) को पूरा करते हैं, वे इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. चयन के लिए मूल्यांकन कुछ मापदंडों के आधार पर किया जाता है. जिसमें शहरी स्कूलों को कम से कम 70% और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को 60% अंक प्राप्त करने चाहिए. राज्यों को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को अनुशंसित स्कूलों की सूची भेजनी होती है. स्कूलों की फाइनल लिस्ट स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव की अध्यक्षता वाली एक विशेष समिति तैयार करती है. प्रत्येक ब्लॉक/ शहरी स्थानीय निकाय से अधिकतम दो स्कूलों- एक प्राथमिक विद्यालय और एक माध्यमिक या उच्च माध्यमिक विद्यालय का चयन किया जा सकता है. राज्य या केंद्र शासित प्रदेश या केंद्रीय विद्यालय संगठन/ नवोदय विद्यालय समिति को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना होता है. जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को पूरे राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में पूरी तरह लागू करने की प्रतिबद्धता जाहिर की गई होती है और चयनित विद्यालय के नाम के आगे पीएम श्री लगाना है. इसके अलावा स्कीम में चयन के दो वर्ष के भीतर सभी कक्षाओं में ड्रॉपआउट दर शून्य सुनिश्चित करने, छात्र-शिक्षक अनुपात के मानदंडों का पालन करने और एक्टिविटी बेस्ड, स्पोर्ट्स बेस्ड, आर्ट बेस्ड और टॉय बेस्ड अभिनव शिक्षण को लागू करने पर काम करना होगा. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि पीएम श्री योजना के तहत स्कूल के साथ पढ़ने-पढ़ाने के तरीकों में बदलाव किया जायेगा. एक्सपेरिमेंटल, ट्रांसफॉर्मेशनल और होलिस्टिक यानी ऑलराउंड डेवलपमेंट/ इंटीग्रेटेड मेथड पर ध्यान दिया जायेगा. साधारण शब्दों में कहा जाये तो स्कूलों में बच्चों को इस तरह से अध्ययन कराया जाएगा ताकि उन्हें नई-नई चीजें सीखने को मिले. उनमें रिसर्च करने की क्षमता विकसित की जा सके. स्कूलों में डिस्कवरी ओरिएंटेड और लर्निंग सेंट्रिक टीचिंग मेथड लागू की जायेगी. खेल-खेल में सीखने और टॉय बेस्ड टीचिंग होगी. ताकि बच्चों को याद रखने के लिए रटना ना पड़े.
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