बिना रजिस्ट्रेशन के जिले में संचालित हो रहे निजी विद्यालय हुए चिन्हित
बिना रजिस्ट्रेशन के जिले में संचालित हो रहे निजी विद्यालयों के लिए विभाग ने एक और मौका दिया था. लेकिन अब बिना रजिस्ट्रेशन के जिले में संचालित निजी विद्यालयों पर कार्रवाई की जाएगी.
समस्तीपुर : बिना रजिस्ट्रेशन के जिले में संचालित हो रहे निजी विद्यालयों के लिए विभाग ने एक और मौका दिया था. लेकिन अब बिना रजिस्ट्रेशन के जिले में संचालित निजी विद्यालयों पर कार्रवाई की जाएगी. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्त ने इसके लिए सभी बीईओ के सख्ती के साथ निर्देश जारी किए है. कहा है कि संबंधित प्रखंड अन्तर्गत सभी संचालित निजी विद्यालयों का सर्वेक्षण सभी नामित निरीक्षी पदाधिकारी के माध्यम से 12 से 14 अगस्त तक कराते हुए प्रखंडवार प्रतिवेदन निर्धारित प्रपत्र में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था, परन्तु कुछ प्रखंडों को छोड़कर शेष प्रखंडों से प्रतिवेदन अप्राप्त है. डीईओ ने कहा है कि निदेशक, प्राथमिक शिक्षा द्वारा जिले में संचालित सभी निजी विद्यालयों से संबंधित विवरणी प्रतिवेदन में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था. लेकिन प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराने से राज्य स्तरीय बैठक में डीईओ को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा. डीईओ ने सभी बीईओ को बुधवार को अपने-अपने प्रखंड अन्तर्गत संचालित निजी विद्यालयों का सर्वेक्षण प्रखंड अन्तर्गत नामित निरीक्षी पदाधिकारी से कराते हुए 22 अगस्त तक निश्चित रूप से विहित प्रपत्र में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. साथ ही वैसे प्रखंड जिनके द्वारा प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया है वे पुनः समीक्षा करते हुए प्रखंड अन्तर्गत कोई भी संचालित निजी विद्यालय छुटे हैं तो उनका सर्वेक्षण कराते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. इस पत्राचार के बाद बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित निजी विद्यालयों में हडकंप मच गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिए निर्देश में प्राथमिक शिक्षा के निदेशक ने कहा है कि बच्चों के मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 के तहत निजी विद्यालयों की प्रस्वीकृति का प्रावधान किया गया है. इसके तहत सक्षम प्राधिकार से प्रस्वीकृति का प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना निजी विद्यालयों की न स्थापना की जा सकती है और न ही संचालित किया जा सकता है. निर्धारित तिथि के बाद भी विद्यालय संचालित रहने पर प्रत्येक दिन के लिए 10 हजार रुपये जुर्माना किया जा सकता है. इसके लिए निजी विद्यालयों को अंतिम तौर पर 10 अगस्त तक का मौका दिया गया था. इस तिथि तक विद्यालय ई संबंध पोर्टल पर आवेदन कर सकते थे. इसके बावजूद अगर किसी विद्यालय के द्वारा प्रस्वीकृति के लिए पोर्टल पर आवेदन नहीं किया जाता है तो फिर बिहार राज्य बच्चों के मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली के नियमों के तहत कार्रवाई करने को ले जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक जिले के विभिन्न प्रखंडों में करीब तीन सौ से अधिक निजी विद्यालय बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे है. इससे संबंधित सूचना एकत्र कर सूचीबद्ध कर लिया गया है. फिर विभागीय दिशा-निर्देश के आलोक में कार्रवाई की जाएगी.
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