समस्तीपुर : पटना पुलिस मुख्यालय से एडीजी डा कमल किशोर सिंह व मिथिला प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक स्वप्ना गौतम शुक्रवार को समस्तीपुर पहुचे. यहां परिसदन में पुलिस कर्मियों ने उन्हें गार्ड ऑफ आनर दिया. इसके बाद एडीजी और डीआइजी ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी अशोक मिश्रा व स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ जिले में विधि व्यवस्था के अनुपालन और पुलिस के कामकाज की समीक्षा की. इस दौरान पुलिस पदाधिकारियों से लंबित मामलों के निष्पादन, स्पीडी ट्रायल, कांडों के अनुसंधान में निर्देशों का अनुपालन, थानों का निरीक्षण, जनता दरबार आदि बिंदुओं कामकाज की जानकारी ली. पुलिस पदाधिकारियों को नई तकनीकों को अपनाने और उनके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने बताया कि नई तकनीक का उपयोग कार्यक्षमता को बढ़ाने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी एवं प्रभावी बनाने में सहायक होगा. एडीजी डॉ कमल किशोर सिंह ने कहा कि पुलिस मुख्यालय की तरफ से निर्देश दिया गया है कि एडीजी और आईजी रैंक के अधिकारी को विभिन्न जिलों में जाना है. उसी क्रम में आज समस्तीपुर जिले का भ्रमण किया गया है. मुख्यालय के निर्देश में कई बिंदुओं को लेकर चर्चा करना है. माह के अंत में या जब जरूरी हो जिले का एक बार भ्रमण कर अपराध की समीक्षा, पुलिस पेट्रोलिंग की समीक्षा, इन्वेस्टिगेशन की समीक्षा साथ ही जो भी बिंदु पुलिस के कार्य क्षेत्र में है उसकी समीक्षा किया जाना है. जिसमें आज के बैठक में हम लोगों ने दो बिंदुओं पर फोकस किया है. जिसमें पहला है इन्वेस्टिगेशन और निरीक्षण को लेकर चर्चा की गयी है. बाकी बिंदु पर भी चर्चा हुए है लेकिन उन पर अगली बार प्रमुखता से चर्चा होगी. लेकिन इन दो बिंदुओं में पूरी तरह पुलिसिंग व्यवस्था को लेकर और सुधार हो अगली बार कितना सुधार हुआ इस पर चर्चा की. समस्तीपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र में डबल मर्डर को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा कि इन बिंदुओं पर भी बात हुई है. इसकी समीक्षा की गई है. अपराधियों को जल्द से जल्द कानून गिरफ्तार करेगी. ज्ञातव्य हो कि बिहार पुलिस के कामकाज में बड़ा बदलाव किया गया है. पुलिस के वरीय अधिकारियों को अलग-अलग जिलों का प्रभारी बनाया है इसमें पुलिस उप-महानिरीक्षक (डीआइजी), पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) और अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) रैंक के अधिकारियों को यह काम सौंपा गया है. यह अफसर जिले में ओवरआल पुलिसिंग की मॉनिटरिंग के साथ डीएसपी से लेकर एसएसपी तक के काम की भी समीक्षा करेंगे. समीक्षा रिपोर्ट के साथ वरीय पुलिस अधिकारियों को अपनी टिप्पणी भी लिखनी है कि उन्होंने जिले के दौरे के दौरान क्या स्थिति पायी. यह रिपोर्ट हर माह डीजीपी को सौंपी जानी है.
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