जलवायु परिवर्तन से गन्ना फसल पर प्रतिकूल प्रभाव : डीआर

ईख अनुसंधान प्रसार सलाहकार समिति एवं बिहार में गन्ने के लिए निगरानी और सलाहकार सेवा परियोजना के सदस्यों की बैठक हुई.

By Prabhat Khabar News Desk | November 20, 2024 11:34 PM

पूसा : डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित ईख अनुसंधान संस्थान के सभागार में ईख अनुसंधान प्रसार सलाहकार समिति एवं बिहार में गन्ने के लिए निगरानी और सलाहकार सेवा परियोजना के सदस्यों की बैठक हुई. अध्यक्षता करते हुए निदेशक अनुसंधान डॉ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से गन्ने की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. गन्ना का उत्पादन हमेशा से जलवायु अनुकूल रहा है. गन्ना उत्पादकों से मिली फीडबैक पर ही वैज्ञानिक अनुसंधान की दिशा एवं दशा तय कर शोध कार्य संपादित करते है. क्षेत्रीय प्रभेदों का चयन कर किसानों को खेतों में लगाने का निर्णय देते हैं. जलवायु परिवर्तन धान एवं गेहूं सहित अन्य खाद्यान्न फसलों को बुरी तरह से प्रभावित करती है. जबकि गन्ने के कुछ प्रभेदों को छोड़ दे, तो अधिकाधिक प्रभेद मौसम अनुकूल ही होता है. अतिथियों का स्वागत संस्थान के निदेशक डॉ देवेंद्र सिंह ने किया. शुगर मिल सुगौली के डीजीएम डा शैलेन्द्र कुमार मिश्रा ने किसानों को गन्ने की उत्पादन से संबंधित आवश्यक जानकारी दी. प्रसार शिक्षा निदेशक सह अधिष्ठाता पीजीसीए डा मयंक राय ने गन्ना के उत्पादन क्षेत्र में मशीनरी का उपयोग किसानों के लिए लाभकारी बताया. संयुक्त निदेशक सुनील कुमार पंकज ने कहा कि बिहार सरकार गन्ना उत्पादकों के लिए हमेशा दरवाजा खोलकर रखता है. बिहार में गन्ने की प्लांटिंग अक्टूबर नवम्बर माह में औसतन बहुत ही कम होती है. उसे बढ़ाने की जरूरत है. बैठक में शुगर मिल हसनपुर, सुगौली एवं बगहा से जुड़े प्रतिनिधि अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. संचालन वैज्ञानिक सह संपदा पदाधिकारी डा सीके झा ने किया. धन्यवाद ज्ञापन डा एसएन सिंह ने किया. मौके पर नवनीत कुमार, डा सुनीता कुमारी मीना, संजीव कुमार वर्मा, डा मिनितुल्लाह, डा अनुपमा कुमारी, डा बलवंत कुमार, संतोष ठाकुर आदि मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version