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बांझपन को दूर करके ही पशुपालन बनेगा लाभकारी

पशुपालन को लाभकारी बनाने में बांझपन एक बड़ी समस्या है. इसे दूर करके ही पशुपालन लाभकारी बनेगा. ताकि पशु उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिल सके.

मोहिउद्दीननगर : पशुपालन को लाभकारी बनाने में बांझपन एक बड़ी समस्या है. इसे दूर करके ही पशुपालन लाभकारी बनेगा. ताकि पशु उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिल सके. यह बातें पतसिया बांध पर रविवार को मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग के सौजन्य से आयोजित बांझपन निवारण शिविर के दौरान भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुषमा सुमन अध्यक्षता करते हुए कही. संचालन विश्वनाथ कुमार ने किया. पशुपालन पदाधिकारी डॉ. पशुपति कुमार व डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के साथ निश्चय पार्ट 2 के अंतर्गत बेहतर पशु स्वास्थ्य प्रबंधन के आधारभूत व्यवस्था को लेकर सरकारी स्तर से कई कार्यक्रम संचालित किया जा रहे हैं. वहीं, पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना के क्रियान्वयन से ही बेहतर परिणाम दिखने लगा है. इस दौरान पशुओं में होने वाले बांझपन के कारणों में पशुपालकों को मदचक्र की जानकारी नहीं होना, कुपोषण, संक्रमण, जन्मजात दोष, प्रबंधन त्रुटियां, हार्मोन असंतुलन आदि की जानकारी दी गई. साथ ही साथ तीन दिवसीय शिविर के समापन के दौरान 244 पशुओं की जांच कर सरकारी स्तर से पशुपालकों को निःशुल्क दवा उपलब्ध कराई गई. इस दौरान मत्स्य व पशुपालन विभाग की ओर से राज्य में पशुपालकों के हितार्थ संचालित लाभकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारियां दी गई. इस मौके पर दिनेश राय, राजेश कुमार, अखिलेश कुमार, सुबोध कुमार, सुरेश प्रसाद राय, शंभू कुमार, रवि कुमार, विजय कुमार, जितेंद्र कुमार, भरत राय, बबलू कुमार, अजय कुमार मौजूद थे.

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