बिहार बोर्ड के इंटर पास छात्राएं कन्या उत्थान योजना के लिए 15 मई तक करेंगे आवेदन

बेटियों को पढ़ाई में कोई व्यवधान न हो. अभिभावक बेटियों की शिक्षा को भार न समझें. इसी सोच के साथ शुरू की गई कन्या उत्थान योजना.

By Prabhat Khabar News Desk | May 8, 2024 11:30 PM

समस्तीपुर : बेटियों को पढ़ाई में कोई व्यवधान न हो. अभिभावक बेटियों की शिक्षा को भार न समझें. इसी सोच के साथ शुरू की गई कन्या उत्थान योजना. ताकि कन्याओं का उत्थान हो सके. योजना के लाभ के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चल रही है. आवेदन की अंतिम तिथि 15 मई निर्धारित है. योजना का लाभ लेने के लिए इंटर पास छात्राएं ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं. कन्या उत्थान के लिए सिर्फ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट परीक्षा में उत्तीर्ण छात्राएं ही आवेदन कर सकती हैं. आवेदन की प्रक्रिया पूर्णत: ऑनलाइन है. जिले के करीब 18 हजार से अधिक छात्राओं को यह लाभ मिलेगा. आवेदन के साथ आवेदक को अपनी शैक्षणिक प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक जो आधार से डीबीटी कराया गया हो, जाति, आय, निवास, दो पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर एवं ई-मेल आईडी संलग्न करना होगा. आवेदन के पात्र वैसे आवेदक हैं, जिन्होंने 2024 में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की है. आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण होने पर आवेदन की जांच विभाग द्वारा की जायेगी. पात्र आवेदकों को 25 हजार रुपये की राशि सरकार द्वारा दी जायेगी. आवेदन भरने से पूर्व आवेदक को घोषणा करना होगा कि इंटर परिणाम जारी होने के समय वे अविवाहित थीं. साथ ही बिहार की निवासी हूं. अपना आधार संख्या स्वेच्छापूर्ण दे रही हूं. इसके बाद आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी. जिला चयन करने के साथ नाम, पिता का नाम, माता का नाम, जन्म तिथि, इंटर में प्राप्त अंक के साथ वैवाहिक स्थिति और मोबाइल नंबर दर्ज करने पर ओटीपी सत्यापित होगा. मुख्यमंत्री मेधावृति योजना के तहत अनुसूचित जाति व जनजाति की इंटर प्रथम व द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण छात्राएं भी आवेदन कर सकती हैं. उनके लिए भी आवेदन की अंतिम तिथि 15 मई निर्धारित की गई है. योजना के तहत छात्राओं को आठ हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. उन्हें भी घोषणा करनी होगी कि वे परिणाम जारी होने के समय अविवाहित थीं. साथ ही बिहार की निवासी हैं. इससे इतर योजना का लाभ लेने के लिए जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य है. इसे प्राप्त करने के लिए छात्राओं को ऑनलाइन आवेदन के बाद भी चक्कर लगाना पड़ रहा है.अनुसूचित जाति/ जनजाति, पिछड़ा वर्ग व अत्यंत पिछड़ा वर्ग अंतर्गत सत्र 2022-23 व 2023-24 के तहत जिले में लंबित इंस्टिच्यूट का भौतिक सत्यापन का काम चल रहा है. साथ ही आवेदन के सत्यापन का भी काम चल रहा है. आवेदन व इंस्टिच्यूट के सत्यापन का काम 15 मई तक कर लेने का निर्देश है. सत्यापन पूरा नहीं होने पर कार्रवाई की भी बातें कही गई है.जिले के प्रारंभिक स्कूलों में पहली से पांचवीं तक के बच्चों को टीएलएम किट उपलब्ध करा दिया गया है. टीएलएम किट के साथ ही एक बोतल भी उपलब्ध कराया गया है. टीएलएम किट मिलने से बच्चों की पढ़ाई आसान हो गई है. मिशन दक्ष के तहत विशेष कक्षाओं में भी टीएलएम किट का उपयोग बच्चे कर रहे हैं. सरकार की नई शिक्षा नीति में बच्चों के किताबों का बोझ कम करने और पढ़ाई को रोचक बनाने के लिये कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को टीचिंग लर्निंग मेटेरियल टीएलएम की सहायता से शिक्षा दी जा रही है. इससे बच्चों को पढ़ाई बोझ नहीं लगेगी और उसके बस्ते का बोझ भी कम होगा. इसके लिये जिले के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों को टीएलएम कीट मुहैया कराये गया है. यह शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रयोग साबित हुआ है. शिक्षक टीएलएम कीट की सहायता से छात्रों की स्मरण शक्ति का विकास किये जाने के साथ ही जटिल प्रकरणों को भी आसानी से समझा पाने में सक्षम होंगे. ये खास कर ऐसे बच्चों के लिये बेहद उपयोगी साबित होगा. जिनका पढ़ाई में मन नहीं लगता है या फिर ऐसे छात्र जिनका आईक्यू लेवल काफी कम है. वहीं. इस तकनीक से ऐसे छात्रों को सक्रिय एवं अनुशासित करने में मदद मिलेगी जो पढ़ाई से दूर भागते हैं और अक्सर कक्षा से अनुपस्थित रहते हैं. इससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि पैदा होगी. इसके लिये पूर्व में ही शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिये गये हैं. जिससे वे टीएलएम के जरिये बच्चों को आसानी से गणित आदि विषयों को पढ़ा रहे हैं.

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