समस्तीपुर : मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना के दूसरे चरण के तहत बेरोजगारों को बस की खरीदारी के लिये पांच लाख रुपये अनुदान दिये जायेंगे. इसके लिये विभाग के द्वारा पात्रता निर्धारित की गयी है. प्रत्येक प्रखंड से सभी कोटि के अधिकतम सात लाभार्थियों को अनुदान की राशि दी जायेगी. जिला परिवहन पदाधिकारी विवेकचंद्र पटेल ने बताया कि इसके लिये 25 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन लिये जा रहे हैं. इस योजना के अंतर्गत एक प्रखंड में दो अनुसूचित जाति, दो अत्यंत पिछड़ा वर्ग, एक पिछड़ा वर्ग, एक अल्पसंख्यक समुदाय तथा एक सामान्य वर्ग के लाभुक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. लेकिन, जिस प्रखंड अनुसूचित जनजाति की संख्या 1000 से अधिक होगा उस प्रखंड में एक अतिरिक्त अनुसूचित जनजाति की कोटि में भी योजना का लाभ दिया जायेगा. जिला परिवहन विभाग के अनुसार सदर प्रखंड को छोड़कर सुदूर पंचायतों को जोड़ने एवं आमजनों को परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की गयी है. लाभुकों को बस की खरीदारी पर पांच लाख रुपये का अनुदान सीधे सीएफएमएस के माध्यम से उनके खाते में दिया जायेगा. जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि आवेदन के लिए योग्यता निर्धारित की गयी है. इसके लिए जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत है. इसके साथ ही उम्र की सीमा 18 वर्ष से ऊपर की होनी चाहिए. चयन की प्रक्रिया के तहत प्राप्त आवेदनों को जिला परिवहन पदाधिकारी कार्यालय के द्वारा डाउनलोड किया जायेगा. उसके बाद प्रखंडवार व कोटिवार वरीयता सूची का निर्माण किया जाएगा, वरीयता का आधार मैट्रिक की शैक्षणिक योग्यता के अधिकतम अंक होंगे, समान अंक होने पर अधिक उम्र वाले को वरीयता दी जायेगी, चयन समिति में जिलाधिकारी अध्यक्ष होंगे, जबकि उप विकास आयुक्त सदस्य व जिला परिवहन पदाधिकारी सदस्य सचिव होंगे. तैयार वरीयता सूची को चयन के लिए समिति के समक्ष रखा जायेगा. आवेदकों को ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने के लिये लिंक परिवहन विभाग के वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया है. 01 अगस्त 2024 से ऑनलाइन आवेदन शुरू होगा. आवेदक काे सरकारी सेवा में कार्यरत व नियोजित नहीं होना चाहिये. आवेदक केवल अपने निवास वाले प्रखंड में ही आवेदन कर सकते हैं. जिले के सभी बीसों प्रखंडों से सात-सात चयनित लाभुकों को योजना का लाभ मिलेगा. प्रखंड विकास पदाधिकारी के सहयोग से प्रखंड स्तर पर बसों के क्रय के लिये वाहन मेला का आयोजन कराया जायेगा. योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थी पांच वर्ष के अंदर वाहन को बेचने के लिये अनुमंडल पदाधिकारी की लिखित स्वीकृति लेंगे.
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