कलाकृतियों से सुगम होती है बच्चों में विषय की समझ
कलाकृतियों का आकर्षण बच्चों को न सिर्फ विषय से जोड़ता है, बल्कि बच्चों में कलात्मकता और संरचनात्मकता का भी विकास करता है.
मोहिउद्दीननगर : कलाकृतियों का आकर्षण बच्चों को न सिर्फ विषय से जोड़ता है, बल्कि बच्चों में कलात्मकता और संरचनात्मकता का भी विकास करता है. बच्चे स्वयं करके सीखने की स्वाभाविक प्रवृत्ति से जुड़ते हैं और इस प्रकार उनका ज्ञान दीर्घायु होता है. विषय की समझ कलाकृतियों से सुगम होती है. यह बातें प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी डॉ. मधुकर प्रसाद सिंह ने कहीं. वह गुरुवार को प्रखंड संसाधन केंद्र में आयोजित प्रखंड स्तरीय चहक मॉड्यूल एक दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण शिविर के दौरान सहभागी शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे. एचएम रेणु कुमारी ने कहा कि इसके माध्यम से शिक्षकों के शैक्षिक कौशलों का परिमार्जन किया जाता है, इसका उद्देश्य यह है कि छात्र अपने बचपन का आनंद लेने से नहीं चुकें. प्रशिक्षक दयानंद कुमार भगत व सीमा कुमारी ने कहा कि प्रशिक्षण से संगीत व खेल को शिक्षा का माध्यम बनाये जाने के हुनर का विकास होता है, यह हुनर विद्यालय में आये नये बच्चों के ठहराव एवं उनकी रुचि जगाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है. इस दौरान प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के महत्व व उसके रूपरेखा की विस्तृत पहचान करायी गई. इसमें सरकारी विद्यालयों की कक्षा एक एवं दो के नामित शिक्षकों ने भाग लिया. इस मौके पर लेखापाल दिलीप कुमार, अवनीश कुमार, संभव कुमार, सिमरन कुमारी, अकलू राम, अंजली कुमारी, कुमारी रिंकू, जेबा बख्तियार, अंजन कुमारी, इरफान अंसारी, सुधांशु कुमार, प्रिया प्रियदर्शनी, सुमित कुमार पासवान, विश्वजीत कुमार, कुमारी श्वेता, शहनाज परवीन, नवनीत कुमार, रुपकान्त, भरत गुप्ता, अभिषेक कुमार झा मौजूद थे.
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