समस्तीपुर : शिक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मियों की समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई. अध्यक्षीय संबोधन में जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने ई-शिक्षा कोष, ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर छात्रों का इंट्री, विद्यालय निरीक्षण व अनुश्रवण के बारे में जानकारी ली. डीईओ ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों काे निर्देश दिया कि अपने-अपने प्रखंडाधीन सभी शिक्षकों व शिक्षिकाओं की ई-शिक्षा कोष एप के माध्यम से शत प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराना है. डीईओ ने कहा कि कुछ ऐसे भी शिक्षक होंगे जो सेवानिवृत हो गये होंगे. कुछ ऐसे भी शिक्षक होंगे जिनका विद्यालय दूसरे विद्यालय में शिफ्ट हो गया होगा और ऐसे शिक्षकों की उपस्थिति नहीं बन पा रही होगी तो ऐसी स्थिति में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा एक गूगल सीट दिया गया है. जिसे अचूक रूप से अपडेट करने का आदेश दिया गया ताकि उसका सुधार किया जा सके. जिन शिक्षकों द्वारा ई-शिक्षा कोष एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज नहीं किया जा रहा है, वैसे शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया. डीईओ ने जिले के सभी विद्यालयों के नामांकित छात्रों का ई-शिक्षा कोष पर इंट्री करने का आदेश दिया. साथ ही कहा कि जिन बच्चों का आधार नहीं बना है या आधार में गड़बड़ी है वैसे छात्रों को प्रखंड में दो उच्च विद्यालयों में संचालित आधार केंद्र पर भेज कर आधार बनवाना एवं सुधार कराने का निर्देश दिया. डीईओ ने कहा कि विद्यालय निरीक्षण के समीक्षा के क्रम में रिपोर्ट पोर्टल पर इंट्री कराने का निर्देश दिया. साथ ही स्पष्ट रूप से कहा कि सप्ताह में शत प्रतिशत विद्यालयों का निरीक्षण हो जाना चाहिए.
एनसीईआरटी की छठी की किताबें विद्यार्थी वेबसाइट पर ऑर्डर कर सकते हैं. किताबों की किल्लत दूर करने व स्कूलों में पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए यह सुविधा दी गई. यह पुस्तकें डाक के माध्यम से घरों तक पहुंचाई जायेंगी. एनसीईआरटी के मुताबिक दुकानों में भी किताबें 15 दिनों के भीतर उपलब्ध हो जायेगी. छपाई पूरी हो चुकी है. सभी रीजनल सेंटरों में किताबें पहुंच चुकी हैं. वितरक रीजनल सेंटरों से अब किताबें प्राप्त कर विभिन्न दुकानों में पहुंचायेंगे. मालूम हो कि दस विषयों में से चार विषयों की किताबें कुछ दुकानों में उपलब्ध हो चुकी हैं. इनमें हिन्दी, अंग्रेजी, सोशल साइंस और संस्कृत विषय शामिल है. शेष किताबें भी अब जल्द ही दुकानों पर मिलने लगेगी. स्कूलों में अप्रैल से नए सत्र की शुरुआत होती है. ऐसे में किताबें अप्रैल में ही उपलब्ध होनी चाहिए थी.
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