The span collapsed: निर्माणाधीन बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा महासेतु का एक स्पैन टूटकर गिरा

Bakhtiyarpur-Tajpur Ganga Mahasetu span broken: निर्माणाधीन गंगा महासेतु के दो पिलर के बीच लगाया गया स्पेन गिरकर क्षतिग्रस्त हो गया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 24, 2024 12:24 AM

Bakhtiyarpur-Tajpur Ganga Mahasetu span broken: शाहपुर पटोरी : रविवार की शाम बख्तियारपुर- ताजपुर के बीच निर्माणाधीन गंगा महासेतु के संपर्क पथ में नंदिनी लगूनिया रेलवे स्टेशन के उत्तर में दो पिलर के बीच लगाया गया स्पेन गिरकर क्षतिग्रस्त हो गया. उसके बाद बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सत्य कपिल अशोक और एडीएम अजय कुमार तिवारी ने सोमवार को उक्त पिलर एवं स्पेन का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने बताया कि स्पेन 8 साल पुराना था, उसे पूर्व में ही हटाने का आदेश दिया जा चुका था, उस पर रिपलेसमेंट का काम चल रहा था. बख्तियारपुर ताजपुर फोरलेन पुल के निर्माण कार्य का शिलान्यास जून 2011 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था. इसका निर्माण लगभग 1602.74 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुआ था. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पीपीपी मॉडल के तहत शुरू इस परियोजना को वर्ष 2016 में ही पूरा कर लेना था, लेकिन पहले जमीन अधिग्रहण और फिर एजेंसी की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण परियोजना तय समय पर पूरी नहीं हो सका. इसके बनने से 60 किलोमीटर दक्षिण और उत्तर बिहार की दूरी घटेगी. 55 किलोमीटर लंबी इस सड़क के बनने से लोगों को काफी फायदा होगा.

Bakhtiyarpur-Tajpur Ganga Mahasetu span broken: इस फोरलेन सड़क के निर्माण से ताजपुर से बख्तियारपुर की दूरी लगभग 60 किलोमीटर कम हो जाएगी.

इस फोरलेन सड़क के निर्माण से ताजपुर से बख्तियारपुर की दूरी लगभग 60 किलोमीटर कम हो जाएगी. इसके बनने के बाद नवादा, मुंगेर ,नालंदा से आने वाली गाड़ियों को समस्तीपुर ,मुजफ्फरपुर, वैशाली जाने के लिए पटना आने की जरूरत नहीं होगी. शाहपुर पटोरी एवं मोहिउद्दीननगर के बीच नंदनी लगूनिया रेलवे स्टेशन के समीप रेल लाइन के ऊपर इस महासेतु के संपर्क पथ का निर्माण हो रहा है. लगभग 45 किलोमीटर लंबे संपर्क पथ एवं 5 पॉइंट 575 किलोमीटर लंबे नदी पर पुल के निर्माण से यहां के लोगों को काफी फायदा होगा. अब तक इस योजना का लगभग 60 फ़ीसदी काम पूरा हो पाया है, जिसमें लगभग 1000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं. 2016 में पूरी होनेवाली यह योजना 2024 में भी पूरी नहीं हो सकी है.

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