Ban on playing DJ during Durga Puja: दुर्गा पूजा समिति को लेना होगा लाइसेंस, डीजे बजाने पर प्रतिबंध
थाना परिसर में सोमवार को दुर्गा पूजा को लेकर पूजा समिति के सदस्यों व साउंड संचालकों की बैठक हुई.
Ban on playing DJ during Durga Puja: मोहिउद्दीननगर : थाना परिसर में सोमवार को दुर्गा पूजा को लेकर पूजा समिति के सदस्यों व साउंड संचालकों की बैठक हुई. जिसकी अध्यक्षता थानाध्यक्ष गौरव प्रसाद ने की. इस दौरान थानाध्यक्ष ने बताया कि दुर्गा पूजा में डीजे बजाने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा. कम तारत्व वाले साउंड बजाने की अनुमति होगी. दुर्गा पूजा समिति को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. साथ ही पूजा समिति के सदस्यों को वालंटियर रखने का भी निर्देश दिया गया. वहीं, पूजा पंडालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कही गई ताकि संदिग्ध गतिविधियों में शामिल असामाजिक तत्वों की पहचान करने में मदद मिल सके. इस क्रम में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक द्वारा दुर्गा पूजा को लेकर जारी निर्देश के बारे में विस्तृत जानकारी सदस्यों को दी गई. मौके पर अश्वनी कुमार सिंह, देवेंद्र कुमार, प्रेम कुमार चौधरी, संजीव कुमार सिंह, शैलेंद्र सिंह, मनोज कुमार सिंह, अरुण पासवान, शुभम गिरी, उमेश प्रसाद सिंह, कमल किशोर सिंह, अजय सिंह, विजय साह मौजूद थे.
Ban on playing DJ during Durga Puja: दुर्गापूजा में डीजे प्रतिबंधित : सीओ
पूसा : स्थानीय थाना परिसर में दुर्गा पूजा समिति सदस्यों के बीच शांति समिति की बैठक हुई. अध्यक्षता करते हुए सीओ कुमारी पल्लवी ने पूजा समिति के सदस्यों से कहा कि इस बार के पूजा में डीजे साउंड पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा. पूजा के वास्ते तीन लाइसेंस लेने की जरूरत है. पूजा-पंडालों को सीसीटीवी कैमरा से लैस रखने का आदेश दिया. थानाध्यक्ष राहुल कुमार, प्रमुख रविता तिवारी, श्रेया कुमारी, प्रियरंजन कुमार, सुधांशु कुमार, सुनील कुमार, आमोद कुमार शर्मा, रंजीत कुमार, गणेश शंकर, रंजीत झा, सूरज आदि मौजूद थे.
Durga Puja: दुर्गा पूजा के दौरान नाटक मंचन का निर्णय
हसनपुर : प्रखंड के हसनपुर के अशोक नाट्य कला परिषद की बैठक हुई. असमें हसनपुर गांव में होने वाले दुर्गा पूजा कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए तीन नाटक का मंचन का निर्णय लिया गया. जिसमें भीष्म प्रतिज्ञा, मेघनाथ व समर्पण नाटक का मंचन कर पुरानी संस्कृतियों को जागने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे. कला परिषद के संदीप पाटिल ने बताया कि नाटक मंचन पुरानी परंपरा है जो अब आधुनिक दौर में दूर होती जा रही है. ऐसे में नाटक का मंचन कर आने वाले पीढ़ी को यह संदेश देना जरूरी होता है कि नाटक से गांव की संस्कृति को बल मिलता है. मौके पर सुधीर कुमार सिंह, राधिका शरण सिंह, मंटून सिंह, संदीप पाटिल, घनश्याम सिंह, बैद्यनाथ झा, प्रणव सिंह, रंजन सिंह, विनय सिंह, धर्मेंद्र सिंह बुच्ची, दीपक कुमार सिंह ददन, रंजीत मंडल, कुणाल कुमार, मोनू कुमार, रोशन मुखिया आदि मौजूद थे.
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