Bihar Politics: भाजपा नेता विनोद तावड़े से मिले प्रिंस राज, दी रंगोत्सव की बधाई
Bihar Politics: समस्तीपुर के सांसद प्रिंस राज अपने चाचा से अलग राह पकड़ ली है. उन्होंने होली के मौके पर भाजपा नेता और बिहार प्रभारी विनोद तावड़े से मुलाकात की है.
Bihar Politics : पटना. लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के भतीजे और समस्तीपुर से सांसद प्रिंस राज ने बिहार भाजपा के प्रभारी विनोद तावड़े से मुलाकात की है. यह जानकारी प्रिंस राज ने खुद अपने एक्स एकाउंट पर दी है. प्रिंस राज लोजपा के उन सांसदों में से हैं जिन्होंने चिराग से अलग होकर पशुपति पारस के नेतृत्व में अपनी अलग पार्टी बना ली थी, लेकिन एनडीए ने जब सीट शेयरिंग की तो चिराग की पार्टी को पांच सीटें दी, जबकि पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली. इसके बाद पारस अपनी ही पार्टी में अलग थलग पड़ गये. एक एक कर उनके सांसद चिराग के करीब दिखने लगे. इसी कड़ी में अब प्रिंस राज का यह कदम देखने को मिला है. राजनीतिक गलियारे में अब इस बात को लेकर चर्चा तेज हैं कि प्रिंस अब अपनी झोपड़ी में लौटेंगे या फिर कमल का दामन थामेंगे. बहरहाल इतना तो साफ है कि प्रिंस समस्तीपुर पर अपना दावा छोड़ने के मूड में नहीं हैं.
प्रिंस राज ने खुद शेयर की फोटो
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार प्रभारी विनोद तावड़े से मुलाकात की फोटो शेयर करते हुए प्रिंस राज ने लिखा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रभारी बिहार प्रदेश आदरणीय विनोद तावड़े से सौहार्दपूर्ण माहौल में मुलाकात किए एवं होली रंगोत्सव की बधाई एवं शुभकामना दिये. वहीं, उनकी इस मुलाकात से ये तो साफ हो गया है कि प्रिंस राज इस कोशिश में लगे हैं कि बीजेपी के जरिए उनके बड़े भाई चिराग मान जाएं और उन्हें अपनी पार्टी से टिकट देने के लिए तैयार हो जाएं. हालांकि चिराग पासवान ने पहले ही साफ कर दिया है कि वो किसी भी बागी को टिकट नहीं देंगे. ऐसे में अब देखना जरूरी हो गया है कि क्या तावड़े आगे चिराग से प्रिंस को लेकर बातचीत करेंगे.
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अकेले पड़े पशुपति पारस
रालोजपा को एनडीए में एक भी सीट नहीं मिलने से दो दिन पहले ही प्रिंस राज ने पोस्ट कर कहा था कि हमारी पार्टी रालोजपा, एनडीए का अभिन्न अंग है. प्रधानमंत्री देश के साथ-साथ हमारे भी नेता है. उनका निर्णय हमारे लिए सर्वोपरि है. दो दिन बाद जब टिकट नहीं मिलने पर पशुपति पारस ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी नारजगी जताई, तो उसमें प्रिंस राज मौजूद नहीं थे. उसके पास कभी वो पारस के साथ नहीं दिखे. आज की तरीख में पशुपति पारस एकदम अकेले पड़ गये हैं. उनका कोई पता नहीं है. वो आगे क्या करने वाले हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं है. ऐसे में प्रिंस राज अपने भविष्य को लेकर अगर भाजपा के दरबाजे पर गये हैं तो निश्चित रूप से उनकी बात आगे बढ़ रही है.