आक्रोशित परिजन और ग्रामीणों ने शव के साथ किया सड़क जाम, हंगामा

रोसड़ा उपकारा के विचाराधीन बंदी 19 वर्षीय माेनू सिंह की शुक्रवार शाम दरभंगा मेडिकल काॅलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में इलाज के दौरान मौत गई.

By Prabhat Khabar News Desk | April 27, 2024 11:17 PM

रोसड़ा: रोसड़ा उपकारा के विचाराधीन बंदी 19 वर्षीय माेनू सिंह की शुक्रवार शाम दरभंगा मेडिकल काॅलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में इलाज के दौरान मौत गई. घटना से आक्रोशित मृतक के परिजन और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. सिंघिया थाना क्षेत्र के कलाली चौक के समीप सड़क पर युवक का शव रखकर रोसड़ा दरभंगा कुशेश्वरस्थान मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. टायर जलाकर आगजनी की. पुलिस थाना के पास जमकर पथराव किया. इस दौरान पुलिस के आवासीय परिसर में खिड़कियों के शीशे भी टूटे. सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस को भी आक्रोशित लोगों ने खदेड़ दिया. देर रात तक पूरा क्षेत्र रणभूमि में तब्दील रहा. इधर, तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए आसपास के कई थानों की पुलिस को बुलाया गया. पुलिस पदाधिकारी सोनल कुमारी के नेतृत्व में शिवाजीनगर, बहेड़ी और रोसड़ा थाना की पुलिस देर रात मोर्चे पर डटी रही. अहले सुबह काफी संख्या में पुलिस बलों ने जाम स्थल पहुंचकर युवक के शव को उठाया और घर जाकर परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया. शनिवार को परिजनों ने मृतक के शव का दाह संस्कार किया. इधर देर रात तक सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी थी. मृतक के परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया है. मामले की उच्च स्तरीय जांच करते हुए दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की. मृतक के परिजनों के निगाहें अब न्याय पर टिकी है.सिंघिया नगर पंचायत के वार्ड दस निवासी पवन सिंह के पुत्र 19 वर्षीय माेनू सिंह को स्थानीय पुलिस ने पिस्टल के साथ सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो मामले में बीते 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. दो दिन बाद 15 अप्रैल को न्यायालय में पेश करते हुए रोसड़ा उपकारा भेज दिया. बताया जाता है कि 17 अप्रैल को जेल में माेनू की तबीयत खराब हो गई. कारा प्रशासन ने तत्काल रोसड़ा अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया. सदर अस्पताल में उपचार के बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई. इसके बाद 20 अप्रैल को सदर अस्पताल से डीएमसीएच रेफर कर दिया. डीएमसीएच में छह दिनों तक मोनू वेंटिलेटर पर रहा. शुक्रवार शाम उसकी मौत हो गई. इसके बाद स्थानीय कारा प्रशासन और पुलिस ने दरभंगा डीएमसीएच में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया.मोनू सिंह मौत मामले में सिंघिया पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे है. बीते 19 अप्रैल को ही मृतक मोनू के भाई सोनू ने कोर्ट में सिंघिया थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध अभियोग पत्र दायर किया था. इसमें स्थानीय पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद मोनू को मारपीट करने का आरोप लगाया है. इस मामले में रोसड़ा कोर्ट ने हाल ही में जेल प्रशासन से मोनू की स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी है. इससे पूर्व शुक्रवार शाम को ही डीएमसीएच में इलाज के दौरान मोनू की मौत हो गई. सूत्र बताते हैं कि मोनू की गिरफ्तारी के बाद अन्य कई युवक को भी पुलिस द्वारा पकड़ा गया था. इसमें तीन को तत्काल ही छोड़ दिया गया.सिंघिया नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर 10 निवासी पवन कुमार सिंह के पुत्र माेनू कुमार दो भाइयों में छोटा था. घर पर वह चाचा के साथ रहता था. उसके माता-पिता एवं भाई बाहर रहते हैं. परिजन बताते हैं कि मोनू का गांव में किसी से कोई विवाद नहीं था. सभी लोगों से उसका अच्छा संबंध था. पूर्व से कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. पुलिस पर बुरी तरह मोनू की पिटाई कर दिए जाने का आरोप परिजन लगा रहे थे. मृतक मोनू सिंह के चचेरे भाई मनीष कुमार सिंह ने बताया कि 16 अप्रैल की देर रात मोनू की तबीयत बिगड़ने से संबंधित सूचना शिर्डी में रह रही मोनू की मां को दी गई. उसकी मां ने मनीष को इसकी जानकारी दी. बताया कि इस मामले में चार लोगों को जेल भेजा गया था. घटना के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. सिंघिया थानाध्यक्ष विशाल कुमार सिंह ने बताया कि हथियार के साथ फोटो वायरल को लेकर मोनू को विगत 14 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. 15 अप्रैल को उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया.17 अप्रैल को उसकी तबीयत बिगड़ी है. जिसे जेल प्रशासन द्वारा इलाज के लिए ले जाया गया. मोनू ड्रग्स लेता था. जिस कारण वह ड्रग्स का आदी हो गया था. जेल में ड्रग्स नहीं मिलने के कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई.

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