Bihar News : समस्तीपुर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र के शोभन गांव में स्थित बूढ़ी गंडक नदी में बीते 16 सितंबर को बरामद अज्ञात युवक के शव की शिनाख्त हो गई है. मृतक की पहचान भोजपुर आरा जिला के बड़हरा थाना के रामपुर गांव निवासी 30 वर्षीय रविश कुमार के रुप में बताई गयी है. घटना के करीब दस दिन बाद इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित खबर के माध्यम से परिजनों को जब इस घटना के बारे में जानकारी हुई. इसके बाद मृतक के परिजन स्थानीय मुफस्सिल थाना में पुलिस से मिले. परिजनों ने मृतक की तस्वीर और कपड़े से उसकी शिनाख्त की. इस संबंध में मृतक के चाचा भोजपुर आरा जिला के रामपुर गांव निवासी रंजय कुमार सिंह ने मुफस्सिल थाना में एक आवेदन देकर हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई है. इसमें मथुरापुर थाना क्षेत्र के अकबरपुर निवासी लुलुक महतो के पुत्र विकास कुमार, धर्मेन्द्र कुमार और उसकी पुत्री रीना देवी को नामजद आरोपित किया है. स्थानीय पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित विकास कुमार को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया. थानाध्यक्ष पिंकी प्रसाद ने बताया कि परिजनों ने मृतक की शिनाख्त की है. आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई की गई. पुलिस ने एक नामजद आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
प्रेम-प्रसंग में हत्या की आशंका
दर्ज प्राथमिकी में मृतक के चाचा रंजन कुमार सिंह ने बताया है कि पिछले दस बारह साल से उसका भतीजा रविश दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में मजदूरी करता था. उसी कंपनी में अकबरपुर गांव के विकास कुमार, धर्मेन्द्र कुमार और रीना देवी भी काम करते थे. सभी एक साथ दिल्ली में रहते थे. पिछले नौ सितंबर को रविश ने परिजनों को मोबाइल पर बताया कि वह समस्तीपुर में एक दोस्त के घर आ रहा है. बाद में समस्तीपुर से अपने घर आयेगा. दूसरे दिन रविश ने बताया कि वह समस्तीपुर में अपने दोस्त धर्मेन्द्र कुमार के घर ठहरा है. तीसरे दिन धर्मेन्द्र कुमार के मोबाइल पर वाट्सऐप कॉल के जरिए रविश, धर्मेन्द्र और विकास ने एक परिचित से बातचीत की. इस क्रम में रविश ने बताया कि 12 सितंबर को वह अपने घर आयेगा. जबकि, विकास ने बताया कि वह रविन्द्र को अभी घर जाने नहीं देगा. बीते 14 सितंबर को शाम सात बजे विकास से माेबाइल पर बात हुई. विकास बताया कि वह रविश काे समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में बैठा दिया है. पूछने पर वह कौन ट्रेन से आ रहा है. इसके बाद वह बार बार कॉल काट रहा था और बाद में अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया. दूसरे दिन 14 सितंबर को रविश जब घर नहीं पहुंचा, तो परिजनों को आशंका हुई. रेलवे स्टेशन और रिश्तेदारों से उसके बारे में पता किया. लेकिन, कोई सुराग नहीं मिला. धर्मेन्द्र और विकास का मोबाइल बंद था. बीते 18 सितंबर को रीना देवी से मोबाइल पर बात हुई. वह बोली कि रविन्द्र मर गया है. करीब एक सप्ताह बाद इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित खबर के माध्यम से घटना की जानकारी मिली. घटना के पीछे प्रेम-प्रसंग बताया जा रहा है.
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