समस्तीपुर : शहर में पिछले काफी समय से बिजली सप्लाई के लिए लगे केबल व ट्रांसफॉर्मर लोगों के लिए जी का जंजाल बने हुए हैं. बिजली सप्लाई के बाद भी शहर में फॉल्ट के कारण बिजली नहीं मिल पा रही है. हर दिन फॉल्ट को दुरुस्त करने के लिए दो से चार घंटे बिजली सप्लाई बंद रहती है. यह हाल शहरी क्षेत्र में मेंटेनेंस के बाद हो रहा है. एजेंसी जो केबल लगा रही है आये दिन लोड के कारण जल रहे हैं. शनिवार की देर रात पटेल मैदान के पीछे केबल में आग लगने की सूचना पर बिजली गुल रही. शहरी क्षेत्र में कोई यह पहली घटना नहीं है. शहर के बारह पत्थर, मोहनपुर रोड, भूईधारा तिरहुत एकेडमी रोड आदि में केबल में कई बार आग लग चुका है. इससे दुकानदारों एवं राहगीरों में जानमाल की खतरा बना हुआ है. कई बार केबल जलकर गिर जा रहा है. इससे कभी भी दुर्घटना होने की आशंका लोगों के बीच बनी हुई है. लेकिन बिजली कंपनी के अधिकारी मौन बैठे हुए है. हालत यह हो गए है कि बिजली कब आयेगी और कब जायेगी कहना मुश्किल है. दिन के साथ ही रात में भी घंटों बिजली गुल रहने लगी है. केबल जलने पर बिजली बंद कर दी जाती है और बिजली की केबल को अस्थाई रूप से जोड़ने तक बिजली बंद रहती है. इसके बाद केबल की मरम्मत करने के नाम पर भी घंटे बिजली बंद की जाती है. इधर, ट्रांसफॉर्मर से जुड़े मेंटेनेंस का कार्य का खानापूर्ति की जा रही है. रविवार को शहर के ताजपुर रोड स्थित इनकम टैक्स आफिस के निकट लगे ट्रांसफॉर्मर में फॉल्ट उत्पन्न होने के कारण बिजली सप्लाई करीब एक घंटे से अधिक प्रभावित हुई. वही मवेशी अस्पताल के निकट लगा ट्रांसफॉर्मर शनिवार को जल गया. स्थिति यह है कि नया ट्रांसफॉर्मर लगाने व जले ट्रांसफॉर्मर को हटाने के लिए भी घंटों बिजली बंद करनी पड़ती है. शहर में लगे ज्यादातर ट्रांसफॉर्मर पर एवी स्विच नहीं लगाये गये हैं. जिन ट्रांसफॉर्मर पर स्विच लगे हैं, वे काम नहीं करते. इस वजह से छोटे-छोटे मेंटेनेंस के लिए शटडाउन लेना पड़ता है. यहां बताना जरूरी है कि शहरी क्षेत्र से जुड़े फीडरों में ब्रेक डाउन, फेज उड़ने, जर्जर तार बदलने व सर्विस वायर का कार्बन छुड़ाने के लिए पावर सब स्टेशन से 11 केवी का शट-डाउन लेकर विद्युत आपूर्ति बंद कराने के बाद मेंटेनेंस किया जाता है. वही शहरी क्षेत्र को अलग-अलग विभक्त कर मोहनपुर, लगुनियां व ई पावर हाउस से बिजली सप्लाई दी जा रही है लेकिन क्षेत्रों का बंटवारा करते समय न लोड देखा जा रहा है और न ट्रांसफॉर्मर की क्षमता. विद्युत संचरण की व्यवस्था ऐसी है कि एक फीडर के 11 केवी के फॉल्ट को दूर करने के लिए दूसरे फीडर का भी शटडाउन लेना पड़ता है.
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