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युवाओं को सुरक्षित डिजिटल नागरिक बनाने के लिए सशक्त बनायेगी सीबीएसई

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए सीबीएसई नई-नई तकनीकों का प्रयोग करता रहा है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बच्चों को डिजिटल नागरिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है.

प्रकाश कुमार, समस्तीपुर : विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए सीबीएसई नई-नई तकनीकों का प्रयोग करता रहा है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बच्चों को डिजिटल नागरिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है. बोर्ड छठीं से आठवीं तक की कक्षा के बच्चों को ऑनलाइन टेक्नोलॉजी के खतरों से बचाने के लिए डिजिटल नागरिकता पर स्किल मॉड्यूल शुरू करने जा रहा है. इसके पाठ्यक्रम में डिजिटल शिष्टाचार, साइबर सुरक्षा, साइबर बुलिंग, इंटरनेट के उपयोग को शामिल किया गया है. पाठ्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि सभी विषयों के शिक्षक आसानी से समझ सकें और छात्रों को जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनने के लिए प्रशिक्षित कर सकें. शहर के सेंट्रल पब्लिक स्कूल के निदेशक मो. आरिफ आज की दुनिया में छात्र कम उम्र में ही ऑनलाइन तकनीक के संपर्क में आ रहे हैं. कोरोना के कारण दो साल तक ऑनलाइन पढ़ाई हुई है, इसलिए डिजिटल दुनिया समय की जरूरत है. इसके लिए बोर्ड ने शिक्षकों से फीडबैक भी लिया जिसमें पाया गया कि ऑनलाइन दुनिया सुरक्षित रूप से तलाशने में छात्रों को मदद की जरुरत होती है. युवाओं को जिम्मेदार और सुरक्षित डिजिटल नागरिक बनाने के लिए सशक्त करने की आवश्यकता है. जिससे वे सुरक्षित तरीके से प्रौद्योगिकी का उपयोग करना सीख सकें. स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को समझाने के लिए ऑनलाइन ओरियंटेशन सत्र आयोजित किया जायेगा.

तैयार सामग्री वेबसाइट पर करना होगा अपलोड

शहर के टेक्नो मिशन स्कूल के प्राचार्य एके लाल ने बताया कि सीबीएसई बच्चों को डिजिटल सेफ नागरिक बनाने के लिए नेशनल लेवल पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहा है. इस साइबर सेफ्टी कार्यक्रम का आयोजन में भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने पहल की है. इसे देश भर में लागू करने के लिए हैदराबाद के सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सी-डीएसी) को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट बनाया गया है. इसके लिए एक वेब पोर्टल https://www.staysafeonline.in भी तैयार किया गया है. सीबीएसई द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत सीखने और जागरूक करने के लिए ड्रॉइंग, पेंटिंग, कार्टून स्टोरी बोर्ड तैयार करना, रील्स-शॉर्ट्स, स्लोगन राइटिंग, साइबर अवेयरनेस से जुड़ी कहानियां, शॉर्ट अवेयरनेस वीडियो, शॉर्ट फिल्म के साथ ही माई सक्सेस स्टोरी: थैंक्स टू स्टे सेफ ऑनलाइन तैयार करनी है. प्रतिभागियों को तैयार की गई सामग्री वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी. प्रतिभागियों के काम को ओरिजिनैलिटी के आधार पर 30 प्रतिशत अंक, रचनात्मकता और प्रस्तुतिकरण के आधार पर 40 प्रतिशत और रेलेवेंस और थीम पर 30 प्रतिशक अंक दिये जायेंगे. राज्य स्तरीय विजेता की घोषणा 21 जनवरी को और नेशनल लेवल विजेता की घोषणा 30 जनवरी को की जायेगी. अवार्ड सेरेमनी के तारीख की घोषणा बाद में की जायेगी. दोनों श्रेणियों में तीन-तीन विजेताओं का चयन किया जायेगा, जिन्हें नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. बताते हैं कि स्टेट लेवल पर प्रथम पुरस्कार के तौर पर 3 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार 2000 और तृतीय पुरस्कार 1000 रुपए मिलेंगे. इसी तरह नेशनल लेवल पर फर्स्ट प्राइज 10 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार 5000 और तृतीय पुरस्कार 3 हजार रुपए दिए जायेंगे.

नाबालिगों का सोशल मीडिया अकाउंट पेरेंट्स की सहमति से बनेगा

अब 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट खोलने के लिए अपने पेरेंट्स की सहमति लेना जरूरी होगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 के तहत नियमों का ड्राफ्ट तैयार लोगों के लिए जारी किया है. मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने नोटिफिकेशन में कहा कि लोग Mygov.in पर जाकर इस ड्राफ्ट को लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं और सुझाव भी दे सकते हैं. लोगों की आपत्तियों और सुझावों पर 18 फरवरी से विचार किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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