बच्चों को मिलेगी पर्यावरण की जानकारी
सरकारी विद्यालयों के बच्चे समर कैंप के माध्यम से पर्यावरण को बचाने के बारे में जानकारी हासिल करेंगे. इसे लेकर आठ जुलाई तक सरकारी स्कूलों में समर कैंप का आयोजन किया जायेगा
समस्तीपुर : सरकारी विद्यालयों के बच्चे समर कैंप के माध्यम से पर्यावरण को बचाने के बारे में जानकारी हासिल करेंगे. इसे लेकर आठ जुलाई तक सरकारी स्कूलों में समर कैंप का आयोजन किया जायेगा. इस दौरान मिशन लाइफ के तहत इको क्लब के माध्यम से गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जायेगा. समर कैंप के आयोजन को लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की प्रशासी पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी व कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखा है. पत्र के आलोक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये हैं. पत्र में कहा गया है कि संयुक्त सचिव शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के पत्र के आलोक में एक से आठ जुलाई तक समर कैंप का आयोजन करना है. मिशन लाइफ अंतर्गत इको क्लब के माध्यम से सात दिनों तक अलग-अलग थीम पर गतिविधियों का क्रियान्वयन कराने का निर्देश मिला है. समर कैंप के प्रथम दिन स्वस्थ जीवन शैली के अंतर्गत गतिविधियों में प्राकृतिक स्थल का भ्रमण कराना, मरूस्थलीकरण, भूमि पुनर्स्थापन, सूखा प्रतिरोधक क्षमता के बारे में जानना, पर्यावरण संरक्षण के बारे में जानकारी, पौधारोपण अभियान चलाना व पास के गांवों की यात्रा शामिल है. वहीं दूसरे दिन सतत खाद्य प्रणाली अपनाने के अंतर्गत पोषण बाल वाटिका का निर्माण, तीसरे दिन ई-कचरा कम करने को लेकर संग्रह अभियान आयोजित करना, चौथे दिन कचरा कम फैलाएं के अंतर्गत साफ-सफाई अभियान आयोजित करना है. पांचवें दिन उर्जा की बचत अंतर्गत उर्जा से संबंधित गतिविधियां आयोजित करना, छठे दिन जल संरक्षण के अंतर्गत जल संरक्षण को लेकर जागरूक करना व सातवें दिन एकल प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने पर सभी शिक्षकों व विद्यार्थियों को एकल प्लास्टिक को न कहें की गतिविधियां आयोजित की जायेगी. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि जब हम जलवायु परिवर्तन, जंगल की आग, सूखे, पिघलते ग्लेशियर और अन्य प्राकृतिक व्यवधानों के बारे में सुनते हैं तो चिंता न करना मुश्किल होता. पर्यावरण जागरूकता सतत विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू है, और स्कूल इसे बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. मातृरूपी प्रकृति को हरा-भरा बनाने के लिए तन, मन, वचन से प्रयास करने की जरूरत है. भौतिक विज्ञान के यांत्रिक माया से आशक्त न होकर आज के युवा समाज को प्रकृति की उपासना करनी चाहिए. परिवेश को सुरक्षित रखने के साथ खुद बचें और पूरे विश्व को जीने का सुगम मार्ग दिखायें. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि मानव की प्रत्येक आवश्यकता को पूरा करने के लिए प्रकृति पर्याप्त सामग्री उपलब्ध कराती है, पर उनका अत्यधिक लोभ को चरितार्थ करने के नहीं है. इसलिए देश से हम हैं एवं हमारे द्वारा ही समृद्ध राष्ट्र का गठन हो सकता है. परिवेश की सुरक्षा हर नागरिक का महत्वपूर्ण कर्तव्य है.
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