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वर्ग 6 से 12 तक के बच्चों को मिलेगा जीवन कौशल विकास का प्रशिक्षण

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम अंतर्गत जिले में कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों में जीवन कौशल के विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा

समस्तीपुर: बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम अंतर्गत जिले में कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों में जीवन कौशल के विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. बता दें कि इस कार्यक्रम के लिए प्रत्येक विद्यालय से दो शिक्षक एक पुरुष एवं एक महिला शिक्षक को पांच दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस बारे में जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि जीवन कौशल विकास के लिए पहले चरण में दस प्रखंडों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. बताया कि स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल में छात्रों को किशोरावस्था में हो रहे बदलाव के विषय में विशेष रूप से जानकारी दी जाएगी. विद्यालयों में बच्चों को जीवन कौशल विकास के लिए उचित मार्गदर्शन दिया जाएगा. बता दें कि निदेशक राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद बिहार के निर्देशानुसार विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ग 6 से 12 तक के बच्चों में जीवन कौशल के विकास के लिए बच्चों को आयु के अनुरूप स्वास्थ्य एवं पोषण के बारे में उचित जानकारी प्रदान करेंगे. जिससे बच्चों के जीवन में स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करते हुए प्रोत्साहित करेंगे. बता दें कि विद्यालयों में छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षण व्यवस्था के अलावा जीवन कौशल स्वास्थ्य आदि विषयों पर भी जागरूक किया जा रहा है. प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा स्कूलों में छात्रों को विशेष रूप से जानकारी दी जाएगी. बताया गया कि विद्यालय स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम के तहत, स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं.

– बच्चों के जीवन में स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करते हुए प्रोत्साहित करेंगे

स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत, स्कूलों में दो शिक्षकों को ””””””””स्वास्थ्य और कल्याण राजदूत”””””””” के रूप में नामित किया जाता है. स्कूलों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच कराने के लिए स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाती है. साथ ही बच्चों को सुरक्षित जल, स्वच्छता, और स्वास्थ्य की सुविधाएं प्रदान की जाएगी. इसके अलावे बच्चों को कौशल-आधारित स्वास्थ्य शिक्षा दी जाएगी. बच्चों को कृमि मुक्ति कराने, बच्चों को सूक्ष्मपोषक तत्वों से भरपूर आहार देने,बच्चों को नियमित दृष्टि और मौखिक जांच कराने, एच आई वी टीकाकरण , शारीरिक शिक्षा (पीई) और नियमित शारीरिक गतिविधियों में शामिल किया जाएगा. बच्चों को आयरन की गोली सैनिटरी नैपकिन, बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण के साथ बच्चों का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड रखा जाएगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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