Samastipur News: Climate change is a big challenge for farmers: Vice Chancellor : पूसा : डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में शनिवार को धान प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीएस पांडेय ने विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रक्षेत्रों में लगे विभिन्न प्रभेदों के धान की फसलों का निरीक्षण किया और उनके विषय में वैज्ञानिकों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये. धान अनुसंधान के वैज्ञानिक डॉ. नीलांजय ने बताया कि विश्वविद्यालय में एक हजार से अधिक प्रभेद को संरक्षित रखा गया है. इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय से जारी किये गये विभिन्न प्रभेदों के बीज की आपूर्ति भी की जाती है. कुलपति ने धान अनुसंधान से जुड़े वैज्ञानिकों को किसानों के खेत में जाकर विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रभेदों के उपज तथा अन्य जानकारी लेने का निर्देश दिया. उन्होंने धान अनुसंधान में पीएचडी कर रहे शोधकर्ताओं से भी बातचीत की. डॉ. पांडेय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बन कर उभरी है. इससे निबटने के लिए ऐसे प्रभेद विकसित किये जायें जो तापमान सहिष्णु हों. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पानी की कमी को भी ध्यान में रखना चाहिए.
Samastipur News: Climate change is a big challenge for farmers: Vice Chancellor : प्रभेद में ऐसे जेनेटिक गुण विकसित किया जाना चाहिए जो कम पानी में भी अच्छी उपज दें.
प्रभेद में ऐसे जेनेटिक गुण विकसित किया जाना चाहिए जो कम पानी में भी अच्छी उपज दें. ऐसे प्रभेद भी होने चाहिए जो बाढ़ वाले क्षेत्र में अधिक उपज दे. उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि भविष्य में डिजिटल एग्रीकल्चर का महत्व काफी बढ़ जायेगा इसलिए अभी से ऐसे सेंसर बेस्ड तकनीक विकसित किया जाना चाहिए जो धान की फसल में पानी की आवश्यकता, पोषक तत्व तथा अन्य जानकारी मोबाइल ऐप के माध्यम से किसानों को उपलब्ध हो जाये. डॉ. पांडेय ने इजरायल में विकसित की सेंसर बेस्ड तकनीक से प्रेरणा लेने का आह्वान किया. कार्यक्रम के दौरान डीन पीजीसीए डॉ. मयंक राय ने कुलपति को धान अनुसंधान के क्षेत्र में किए जा रहे विभिन्न अनुसंधान के बारे में विस्तार से जानकारी दी. कार्यक्रम के दौरान निदेशक अनुसंधान डॉ. एके सिंह, डीन बेसिक साइंस डॉ. अमरेश चंद्रा , कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय कुमार, डॉ. मुकेश कुमार , डॉ. श्वेता मिश्रा, डॉ. एस पी सिंह , डॉ. रामदत्त, डॉ. कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न वैज्ञानिक मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है