समस्तीपुर : जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने मंगलवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में कृषि, उद्यान, मत्स्य, कॉम्फेड व अन्य कृषि संबद्ध विभागों की समीक्षा की. अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिये. बैठक में पाया गया कि कॉम्फेड के संबंधित उच्च अधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं थे, जिस पर जिला अधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी. पशुपालन विभाग की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने पाया कि प्रस्तुत रिपोर्ट असंतोषजनक है और उन्होंने सभी विवरणी के साथ एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया. समीक्षा के दौरान पाया गया कि पशुपालन परिसर में कथित अतिक्रमण को लेकर मापी का कार्य किया जाना था, जो अब तक नहीं किया गया है, जिस पर जिलाधिकारी ने पशुपालन पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी,सदर को सख्त निर्देश देते हुए मापी का काम एक दिन के अंदर पूर्ण कराने को कहा. समीक्षा के क्रम में गव्य विकास पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि समग्र गव्य विकास योजना में कुल 77 एवं देसी गव्य पालन प्रोत्साहन योजना में कुल 36 का लक्ष्य स्वीकृत किया गया है. इसी प्रकार बीमा योजना के लिए 200 का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके लिए 206 आवेदन अब तक आ चुके हैं. जिलाधिकारी ने पाया कि यह लक्ष्य पूरे जिले के लिए अपर्याप्त है व संबंधित पदाधिकारी को मुख्यालय से समन्वय स्थापित कर लक्ष्य बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. बैठक में मत्स्य विभाग की भी समीक्षा की गई, मछली की न्यूनतम बर्बादी सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को जिले में मछली प्रसंस्करण को बढ़ावा देने और कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने के निर्देश दिया. विभिन्न विभाग कृषि संबंधित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चला रहे हैं, इन पाठ्यक्रमों में बेहतर भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, बैठक में जिलाधिकारी ने डीपीएम जीविका को इन विभागों को उम्मीदवारों की पहचान में आवश्यक सहायता करने का निर्देश दिया. समीक्षा बैठक के दौरान उद्यान विभाग के अधिकारी ने बताया कि वे पपीता और गेंदा फूल क्लस्टर पर काम कर रहे हैं. बागवानी विभाग के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में लाभार्थियों की शून्य दोहराव सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी ने जिला बागवानी अधिकारी को लाभार्थियों की एक सुनियोजित सूची तैयार करने का निर्देश दिया. इसी प्रकार कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को धान आच्छादन में वृद्धि सुनिश्चित करने तथा पंचायतवार आच्छादन रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया. समीक्षा के दौरान पाया गया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 700 से अधिक मामले लंबित हैं. जिला अधिकारी ने लंबित मामलों को जल्द निपटाने का आदेश दिया. बैठक में जिलाधिकारी के अलावा जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी,अग्रणी बैंक प्रबंधक, गव्य विकास पदाधिकारी, डीपीएम जीविका एवं अन्य संबंधित विभागों के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे.
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