प्लस टू स्कूलों में 11वीं के छात्रों का बिना नामांकन वर्ग संचालन का निर्देश
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटर का रिजल्ट विगत 31 मार्च को ही जारी किया था, बावजूद नामांकन की प्रक्रिया तीन माह के बाद भी शुरू नहीं हो सकी है.
समस्तीपुर : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटर का रिजल्ट विगत 31 मार्च को ही जारी किया था, बावजूद नामांकन की प्रक्रिया तीन माह के बाद भी शुरू नहीं हो सकी है. इंटर में नामांकन की तिथि तक तय नहीं हुई. छात्रों में संशय की स्थिति बनी हुई है. नये आदेश के चक्कर में 11वीं के छात्र-छात्रा तीन माह से पढ़ाई नहीं कर रहे हैं. अब तक नामांकन नहीं हुआ है. शिक्षा विभाग के नए निर्देश के अनुसार जिले के प्लस टू स्कूलों में सिलेबस समय पर खत्म होने के लिए 11वीं कक्षा में छात्रों का नामांकन से पहले वर्ग संचालन होना था. निर्देश के अनुसार अब तक जिले के प्लस टू स्कूलों में छात्रों का नामांकन के साथ वर्ग संचालन शुरू नहीं हुआ है. प्लस टू विद्यालय के प्रधानाध्यापकों ने बताया कि नामांकन नहीं होने से बच्चे क्लास के लिए नहीं आते हैं. शिक्षक छात्रों का इंतजार करते हैं. नामांकन लेने के लिए जो छात्र आते हैं वे लौटकर चले जाते हैं. बोर्ड के तरफ से 10वीं का रिजल्ट जारी हुए तीन माह बीत चुका हैं. छात्र 11वीं कक्षा में नामांकन लेने के लिए डीईओ कार्यालय और स्कूल का चक्कर काट रहे हैं. शिक्षा विभाग के नए निर्देश के अनुसार, जो छात्र जिस स्कूल से 10वीं पास करेंगे इंटर का नामांकन उसी स्कूल में उनका नामांकन होगा. लेकिन हाई कोर्ट पटना ने आरटीई के अनुसार इस नियम पर रोक लगा दी. शिक्षा का अधिकार के अनुसार हाई कोर्ट ने निर्देश दिया की छात्र अपने इच्छा के अनुसार स्कूल में नामांकन के लिए अप्लाई करेंगे. बिहार बोर्ड के सत्र 2024-26 छात्रों का अब तक 11वीं कक्षा में ओरिजनल मार्कशीट को लेकर दुसरे राज्य में बच्चों का नामांकन नहीं हो रहा है. रिजल्ट प्रकाशित हुए दो बोर्ड बीत चुका है. जिले के करीब 60 हजार छात्रों को मार्कशीट का इंतजार है. छात्र समंजन की स्थिति में हैं. 12वीं और 10वीं के छात्रों का अंक प्रमाणपत्र लेने के लिए किसी प्रकार की सूचना शिक्षा विभाग ने नहीं दी है. अभिभावक डा. गौरव कुमार ने बताया कि उनके पुत्र आयुष को जालंधर में बीटेक में नामांकन लेना है. जेईई ने रिजल्ट प्रकाशित कर दिया है. लेकिन बीएसईबी ने अब तक ओरिजनल मार्कशीट नहीं दिया है. इससे कॉलेज में काउंसलिंग की तिथि भी खत्म हो चुकी है. ओरिजनल मार्कशीट की मांग की जा रही है. पटना स्थित बोर्ड कार्यालय तक गुहार लगा चुके है लेकिन छात्रहित में अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.
छात्रों को नहीं मिली किताबें
स्कूलों में सत्र शुरू होने के तीन माह बीत जाने के बाद भी छात्रों को किताबें नहीं मिली है. स्कूलों में बिना किताबों के ही नौंवी व 10वीं के छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति, ड्रेस, मिल-डे-मील सहित फ्री में किताबें देने का प्रावधान है. पहली बार बिहार टेक्ट बुक पब्लिकेशन की तरफ से पहली बार कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों को किताबें अप्रैल माह में देनी थी, जोकि अबतक नहीं मिली है. छात्रों को बाजार में भी यह किताबें नहीं मिल रही है. इससे छात्र परेशान हैं. इस संबंध में स्कूलों के प्रधानाध्यापक का कहना है कि बीईओ कार्यालय से बच्चों को देने के लिए किताबें नहीं दी गई हैं. नौवीं कक्षा की छात्रा रेशमा और शिवानी ने बताया की किताब बाजार में नहीं मिल रही है. हम विभाग के किताब का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन विभाग से अबतक स्कूल में किताब नहीं भेजा गया है. यूट्यूब और ई-बुक से पढ़ाई कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है