जिले के सक्षमता पास 1481 शिक्षकों की फिर से होगी काउंसेलिंग
जिले के छह सौ सक्षमता पास शिक्षकों के लिए फिर से कैंप लगा कर काउंसिलिंग होगी.
प्रकाश कुमार, समस्तीपुर : जिले के छह सौ सक्षमता पास शिक्षकों के लिए फिर से कैंप लगा कर काउंसिलिंग होगी. काउंसिलिंग से वंचित रह गये स्थानीय निकाय सक्षमता परीक्षा 2024 (प्रथम) के सफल शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच 21 नवंबर से फिर से होगी. जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार सितंबर में आयोजित सक्षमता पास शिक्षकों की काउंसिलिंग से जिले के 1481 अभ्यर्थी वंचित रह गये थे. बहुत सारे अभ्यर्थियों का जन्म तिथि, लिंग, आधार संख्या, प्रमाण-पत्र घर पर छूट जाना या गुम होना, प्रमाण पत्र संदेहास्पद और मोबाइल पर ओटीपी नहीं आने की स्थिति में कागजातों का सत्यापन नहीं हो पाया था. डीपीओ स्थापना कुमार सत्यम ने बताया कि पहले चरण के सक्षमता परीक्षा पास करने वाले कई नियोजित शिक्षकों अपना काउंसिलिंग नहीं कराये थे. अब शिक्षा विभाग रि-काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. यह प्रक्रिया 21 से 30 नवंबर तक सुबह नौ बजे से साढ़े चार बजे तक चलेगी. जल्द ही जिला शिक्षा पदाधिकारी उचित जगह का चयन कर रि-काउंसिलिंग स्थल पर पहुंचने की सूचना जारी करेंगे. शिक्षा विभाग नियोजित शिक्षकों से अपील की है कि जिनका काउंसिलिंग नहीं हो पाया है, वह अपने जिले में जाकर अपने प्रमाण पत्रों का सत्यापन करायें. शिक्षा विभाग की मानें, तो किस अभ्यर्थी को किस स्लॉट/ तिथि को रि- काउंसिलिंग में उपस्थित होना है, इसका निर्धारण मुख्यालय स्तर से किया जायेगा. यह विभागीय बेवसाइट पर उपलब्ध होगा. इसकी सूचना संबंधित अभ्यर्थी को दी जायेगी. पहला स्लॉट सुबह 9.00-10:30 तक, दूसरा स्लॉट 10:30-12:00 तक, तीसरा स्लॉट दोपहर 12:00-1:30 तक, चौथा स्लॉट 1:30-3:00 बजे तक और पांचवा स्लॉट 3:00-4:30 बजे तक निर्धारित किया गया है. किसी शिक्षक अभ्यर्थी के आधार में अंकित नाम के टाइटल एवं मैट्रिक प्रमाण पत्र में अंकित नाम के टाइटल में परिवर्तन होने के कारण आधार सत्यापन नहीं होने की स्थिति में शिक्षक अभ्यर्थी द्वारा न्यायिक दंडाधिकारी के माध्यम से प्राप्त किया गया शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर उनके नाम एवं टाइटल को सही मानते हुए सत्यापन किया जायेगा. संभावना है कि दिसंबर माह के पहले सप्ताह में इन शिक्षकों को विशेष विशिष्ट के तौर पर पदस्थापित कर दिया जाये. डीपीओ स्थापना ने बताया कि विगत 13 सितंबर तक काउंसिलिंग की प्रक्रिया चली थी. इस दौरान 150 अभ्यर्थी काउंसिलिंग में अनुपस्थित थे. 412 अभ्यर्थियों का बायोमीट्रिक सत्यापन हुआ, लेकिन आधार वेरिफिकेशन फेल हो गया था. तीन अभ्यर्थी ऐसे थे जिनके पास ओटीपी प्रदर्शित करने के लिए मोबाइल नहीं था. 162 अभ्यर्थियों ने मूल शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र नहीं उपलब्ध कराया था. वहीं, 754 अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र संदेहास्पद पाया गया था.
प्रमाणपत्र संदेहास्पद रहने पर फिर से हुई थी जांच
गत मई माह में जिले के आठ शिक्षक शिक्षा विभाग के रडार पर थे. शिक्षकों द्वारा अपलोड किये गये कागजातों से मामला उजागर हुआ था. तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसार श्रीवास्तव ने आदेश जारी किया था कि जिला शिक्षा पदाधिकारी शिक्षक अभ्यर्थी को विभागीय जांच समिति के समक्ष उपस्थित कराने के लिए सूचना का तामिला कराना सुनिश्चित करेंगे. जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश के बावजूद कोई शिक्षक अभ्यर्थी यदि उक्त निर्धारित अवधि में अपने प्रमाण पत्रों की जांच के लिए उपस्थित नहीं होंगे, तो विभाग उस शिक्षक अभ्यर्थी को फर्जी घोषित करने का निर्णय ले सकता है. जिसकी सारी जवाबदेही संबंधित शिक्षक अभ्यर्थी की होगी. विभागीय पत्राचार के मुताबिक जाले के प्राथमिक विद्यालय चांधरपुर के प्रकाश कुमार सिंह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मोरवा डीह की चांदनी कुमारी और प्राथमिक विद्यालय जितवरिया पूर्वी की किरण कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय फत्तेहपुर के दीपक कुमार, उत्क्रमित मध्य विद्यालय पुरुषोत्तमपुर मिल्की के मुकेश सहनी, नवसृजित प्राथमिक विद्यालय सुगापाकड़ कोयरी टोल की रुणा कुमारी को मूल प्रमाणपत्र के साथ तलब किया था. जिले के दो शिक्षक अभ्यर्थी का शिक्षक प्रशिक्षण प्रमाणपत्र पर एक ही क्रमांक अंकित मिला. जिले के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिंघियाघाट की अर्चना कुमारी और मुजफ्फरपुर जिले के मध्य विद्यालय माधोपुर सिरसिया की अर्चना कुमारी का टीईटी प्रमाण पत्र एक समान मिला है. वहीं प्राथमिक विद्यालय साह टोल की सोनी कुमारी का बीटीईटी प्रमाण पत्र पटना और नवादा की भी सोनी कुमारी एक जैसा था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है