Samastipur News : पूसा : प्रतिनिधि डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के अधीनस्थ कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के परिसर में वैज्ञानिक विधि से डेयरी फार्मिंग करने के विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन केवीके के हेड डॉ. आरके तिवारी ने किया. इस अवसर पर मौजूद प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. तिवारी ने कहा कि डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय किसानों के लिए अत्यंत ही लाभकारी है. यह पर्यावरण के अनुकूल है. डेयरी फार्मिंग के व्यवसाय में प्रदूषण का जोखिम भी बहुत कम है.
आज के समय में दूध और इसके उत्पाद की मांग बाजारों में तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने बताया की डेयरी के व्यवसाय में किसानों को गोबर भी प्राप्त होता हैं जो एक अच्छा जैविक खाद है. खेतों में गोबर के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है. प्रशिक्षण के अंत में किसानों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान अटारी पटना में मनाए जा रहे स्थापना दिवस समारोह को ऑनलाइन माध्यम से दिखाया गया. किसानों और केवीके से जुड़े कर्मियों को अटारी व कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली से जुड़े गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी गई.
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