समस्तीपुर : लाभुक आधारित योजना की राशि छात्रों तक पहुंच सके इसके लिए राशि आवंटित की जाती है. लेकिन, विद्यालय के एचएम विभिन्न योजनाओं के मद में आवंटित राशि तो खर्च कर देते हैं, लेकिन खर्च का हिसाब-किताब देने में उन्हें परेशानी होने लगती है. शिक्षा विभाग में भी 45 करोड़ 16 लाख 75 हजार 600 रुपये खर्च की गई. लेकिन, अभी तक इसका डीसी विपत्र एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में पोशाक मद के लिए 16 करोड़ 62 लाख 10 हजार 900 रुपये मिला था. जबकि, छात्रवृत्ति मद में 5 करोड़ 63 हजार 400 रुपये आवंटन मिला था. इसमें शत प्रतिशत राशि खर्च की गई थी. इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2017-18 में पोशाक मद में 12 करोड़ 96 लाख 20 हजार 900 रुपये और छात्रवृत्ति मद में 2 करोड़ 56 लाख 21 हजार 800 रुपये आवंटित होने पर शत प्रतिशत खर्च हुआ था. वित्तीय वर्ष 2018-19 में पोशाक के लिए 5 करोड़ 41 लाख 67 हजार 200 रुपये और छात्रवृत्ति मद में 2 करोड़ 59 लाख 91 हजार 400 रुपये आवंटित होने पर शत प्रतिशत खर्च किया गया है. शिक्षा विभाग में प्राथमिक शिक्षा के निदेशक मिथिलेश मिश्र ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी और सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को 5 जून को जमा करने का आदेश दिया है. पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उपलब्ध कराई गई राशि का शत प्रतिशत उपयोगिता या डीसी विपत्र सीएफएमएस में आनलाइन करना अनिवार्य है. ज्ञातव्य हो कि कई वर्षों से लंबित राशि के सामंजन महालेखाकार में नहीं होने की स्थिति में अगली राशि की निकासी सीएफएमएस में लाॅक लगाई जा सकती है. इसकी सारी जवाबदेही डीइओ व डीपीओ की होगी. इसको लेकर पूर्व में भी कई पत्र जारी कर निर्देशित किया जा चुका है. कोई राशि अगर विभाग की ओर से दी जाती है तो उसे खर्च करने के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र यथाशीघ्र भेजें. इस मामले में सुस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने कहा है कि डीईओ स्वयं स्वीकृतादेशवार एवं विपत्रवार लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र/डीसी विपत्र की समीक्षा कर निदेशालय को भेजेंगे. वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक लंबित लाभुक आधारित विभिन्न योजना व वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक विभिन्न मद में उपलब्ध करायी गयी राशि का शत-प्रतिशत यूसी/डीसी विपत्र सीएफएमएस पर ऑनलाइन करने का टास्क दिया गया है.
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