अनुश्रवण के नाम पर खानापूर्ति करने पर होगी विभागीय कार्रवाई
सरकारी विद्यालय निरीक्षण से संबंधित नया गाइडलाइन शिक्षा विभाग द्वारा जारी किये जाने के बाद से निरीक्षण करने वाले पदाधिकारी व कर्मियों की जिम्मेदारी बढ़ गयी है.
समस्तीपुर : सरकारी विद्यालय निरीक्षण से संबंधित नया गाइडलाइन शिक्षा विभाग द्वारा जारी किये जाने के बाद से निरीक्षण करने वाले पदाधिकारी व कर्मियों की जिम्मेदारी बढ़ गयी है. अब निरीक्षण करने वाले पदाधिकारी व कर्मी प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों का पदस्थापन, पदस्थापित प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों की ससमय विद्यालय में वास्तविक उपस्थिति, विद्यालय में विषय आधारित शिक्षकों की स्थिति, गैर-शैक्षणिक कर्मियों का पदस्थापन एवं उपस्थिति, समय सारिणी के अनुसार वर्ग कक्ष संचालित हो रहा है या नहीं ?, शिक्षकों द्वारा संचालित वर्ग कक्ष का अवलोकन, विद्यार्थियों की गृह कार्य से संबंधित कॉपियों एवं साप्ताहिक / मासिक / त्रैमासिक / अर्द्धवार्षिक / वार्षिक परीक्षा के कॉपियों/ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की स्थिति, विद्यालय में अभिभावक शिक्षक संगोष्ठी का आयोजन की स्थिति की भी जांच करेंगे. साथ ही, अनामांकित एवं नियमित विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों से संबंधित सूचना भी प्राप्त करेंगे. निरीक्षी पदाधिकारी/अनुश्रवणकर्त्ता विद्यालय के पोषक क्षेत्र में भ्रमण कर यह भी सूचना प्राप्त करेंगे कि उक्त पोषक क्षेत्र में कोई बच्चा अनामांकित तो नहीं है? यदि पोषक क्षेत्र में कोई बच्चा अनामांकित पाया जाता है तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक के माध्यम से उन बच्चों का नामांकन कराना सुनिश्चित करेंगे. विद्यालय में नामांकित ऐसे बच्चें, जो नियमित रूप से विद्यालय नहीं आते है, के अभिभावक से सम्पर्क स्थापित कर उन्हें विद्यालय आने के लिए प्रेरित कराया जायेगा. साथ ही राज्य मुख्यालय द्वारा प्रत्येक सप्ताह 10-10 रेंडम विद्यालयों की सूची सभी जिला पदाधिकारी को प्रेषित की जायेगी. जिला पदाधिकारी अपने स्तर से सूची में अंकित विद्यालयों के अनुश्नवण के लिए संबंधित जिला के उप विकास आयुक्त, वरीय उपसमाहर्त्ता, अनुमण्डल पदाधिकारी को नामित करते हुए वर्णित बिंदुओं पर चिन्हित विद्यालयों की जांच कराकर जांच प्रतिवेदन मुख्यालय को उपलब्ध करायेंगे. जिला पदाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त इस निरीक्षण व्यवस्था का प्रत्येक सप्ताह समीक्षा करेंगे एवं अनुश्रवण के दौरान पायी गई त्रुटियों का निराकरण करायेंगे. राज्य मुख्यालय से प्रत्येक 03 माह के लिए जिलावार नोडल पदाधिकारी नामित किये जायेंगे, जो प्रत्येक सप्ताह में एक दिन जिला भ्रमण कर मुख्यालय स्तर से उपलब्ध कराये गये रोस्टरवार किसी एक प्रखंड के 05-05 रेंडम विद्यालयों की कंडिका-02 में वर्णित बिंदुओं पर जांच करेंगे एवं जांच प्रतिवेदन अनुश्रवण कोषांग को समर्पित करेंगे. राज्य स्तर पर गठित अनुश्रवण कोषांग द्वारा ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर जिला के अनुश्रवणकर्ता द्वारा अपलोड किये गये जांच प्रतिवेदन व जिला पदाधिकारी / राज्य मुख्यालय के नोडल पदाधिकारी से प्राप्त जांच प्रतिवेदन का मिलान एवं समीक्षा की जायेगी. समीक्षा के क्रम में दोनों जांच प्रतिवेदनों में भिन्नता पाये जाने को विभाग द्वारा गंभीरता से लिया जायेगा तथा अनुश्रवण के नाम पर खानापूर्ति करने वाले जिला के निरीक्षी पदाधिकारियों/कर्मियों के विरुद्ध नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जायेगी.
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