लोकसभा चुनाव के सभी प्रत्याशियों को देना होगा तीन बार चुनाव खर्च का ब्योरा

लोकसभा निर्वाचन 2024 में नामांकन कर चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों को चुनाव का खर्च का विवरण देना होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | May 8, 2024 11:26 PM

समस्तीपुर : लोकसभा निर्वाचन 2024 में नामांकन कर चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों को चुनाव का खर्च का विवरण देना होगा. चुनाव आयोग के द्वारा निर्वाची पदाधिकारी को भेजे गये गाइडलाइन के मुताबिक सभी प्रत्याशियों को नामांकन से लेकर मतदान के बीच तीन बार चुनाव खर्च का ब्योरा देना अनिवार्य होगा. सभी प्रत्याशियों को चुनावी खर्च पर आयोग की नजर है. निर्वाची पदाधिकारी के द्वारा प्रत्याशियों के द्वारा दिये जाने वाले चुनावी खर्च के ब्योरे को निर्वाचन आयोग को भेजना होगा. प्रत्याशियों को अपने दैनिक व्यय लेखा के रजिस्टर का निरीक्षण कराना है, अगर प्रत्याशी दैनिक व्यय लेखा का निरीक्षण नहीं कराते हैं, तो रिटर्निंग अधिकारी उस प्रत्याशी के वाहनों के प्रयोग की अनुमति वापस ले लेंगे. उजियारपुर और समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में 13 मई को मतदान खत्म होने के बाद प्रत्याशी को 25 दिन के भीतर आयोग से आये आब्जर्वर को चुनाव खर्च का ब्योरा देना होगा, जो प्रत्याशी ब्योरा नहीं देंगे.उसको भारत निर्वाचन आयोग की ओर से तीन साल के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलेगी. प्रत्याशियों को चुनावी खर्च उनके द्वारा चुनाव के लिए खोले गये खाते से करनी है. प्रत्याशियों के खर्च का नजर रखने के लिये टीम गठित की गयी है. एफएसटी व एएसटी टीम प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर नजर रखती है. वहीं चुनावी खर्च पर नजर रखने और उसकी जांच के लिये निर्वाचन व्यय लेखा अनुश्रवण कोषांग भी बनाया हुआ है. प्रत्याशियों द्वारा आयोग के द्वारा निर्धारित की चुनाव खर्च की सीमा से अधिक खर्च करने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123(6) के अंतर्गत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है. ऐसे प्रत्याशी को अयोग्य घोषित किया जायेगा और उनके खिलाफ आइपीसी की धारा-17(अ) के तहत जुर्माना भी लगाया जा सकता है. विदित हो कि इस बार चुनाव आयोग के द्वारा लोकसभा चुनाव में अधिकतम खर्च की सीमा 95 लाख रुपये तय की गयी है. सभी प्रत्याशियों को इसी तय सीमा के भीतर राशि खर्च करनी है. किसी भी स्थिति में एक दिन में नकद दस हजार रुपये से अधिक नहीं खर्च किये जायेंगे. आयोग के द्वारा पोस्टर, बैनर लेकर सभी चुनाव सामग्रियों व सेवाओं की दर तय कर रखी है. उसकी आधार पर खर्च का विवरण तैयार किया जाता है.

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