मोहनपुर : गंगा नदी का जलस्तर शनिवार को कुछ काम हुआ. जल संसाधन विभाग के शिविर में तैनात कर्मियों के अनुसार बढ़े हुए जलस्तर में चार सेंटीमीटर की गिरावट देखी गई है. लेकिन, जिन क्षेत्रों में बाढ़ का पानी आ चुका है, उन क्षेत्रों में मुश्किलें बनी हुई है. शनिवार को बाढ़ का चौथा दिन है. दक्षिणवर्ती आधे दर्जन गांवों में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है. छह पंचायत के हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं. लोगों के पास जलावन और दैनिक उपयोग की वस्तुएं घट रही है. जौनापुर, मटिऔर, बिशनपुर बेरी, चपरा, बघरा, सरसावा और हरदासपुर गांव के सड़कों पर पानी बह रहा है. हालांकि, सड़कें टूटी नहीं है. लेकिन, पानी के तेज बहाव से उन्हें जगह-जगह नुकसान पहुंचा है. पालतू मवेशियों के लिए चारे और उन्हें ऊंचे स्थानों पर सुरक्षित करने के निजी प्रयासों में लोग व्यस्त दिखाई दे रहे हैं. अभी भी गंगा नदी खतरे के निशान से 2 मीटर 16 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. तटबंध पर दबाव बना हुआ है. स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा के प्रति चिंतित दिखाई पड़ रहे हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधि क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित घोषित करने की मांग के साथ अधिकारियों को ज्ञापन दे रहे हैं. लोजपा रामविलास के मजदूर सेल के जिला अध्यक्ष महेंद्र राय ने मोहनपुर प्रखंड के लोगों को बाढ़ की मुश्किलों से निजात दिलाने के प्रति सरकारी उदासीनता का आरोप लगाया. उन्होंने घोषणा किया है कि यदि रविवार तक क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं किया गया, तो सोमवार को आंचल परिसर पर पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ धरना प्रदर्शन करेंगे.
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