Dinkar Jayanti: समस्तीपुर : शहर वीमेंस कॉलेज में हिंदी विभाग की ओर से प्रधानाचार्या प्रो सुनीता सिन्हा की अध्यक्षता में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर दिनकर जयंती समारोह का आयोजन दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पांजलि के साथ किया गया. प्रधानाचार्या प्रो सिन्हा ने कहा कि दिनकर की रचनाओं में जहां एक ओर आक्रोश विद्रोह एवं क्रांतिकारी की पुकार हैं. वहीं, दूसरी ओर उनकी रचनाओं में कोमल भावनाओं के अभिव्यक्ति भी है. उनकी रचनाएं हमें आज भी प्रेरित करती है और भविष्य में भी प्रेरित करती रहेंगी. मुख्य अतिथि प्रो. हरे कृष्ण सिंह ने दिनकर के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी रचना देश प्रेम से ओतप्रोत थी. दिनकर सच्चे अर्थों में दीन हीन, शोषित और वंचितों के कवि थे. वे वीर रस के साथ शृंगार रस के कवि और बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. डाॅ विजय कुमार गुप्ता ने दिनकर को कठिन परिश्रमी बताते हुए कहते हैं कि उनकी रचना संघर्षशील व्यक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. डॉ सुरेश साह ने कहा कि दिनकर इतिहास विषय से स्नातक की पढ़ाई करने के बावजूद अपनी साहित्यिक रचनाओं से हिंदी जगत को एक नया आयाम दिया. प्रो अरुण कुमार कर्ण ने कहा कि दिनकर की रचना के अंश ”””” सिंहासन खाली करो की जनता आती हैं ””””, आपात काल में देश की आवाज बन गया था. डा नीतिका सिंह ने स्वागत भाषण से अतिथियों का स्वागत किया. डा पूनम कुमारी ने दिनकर से प्रेरणा लेने का आह्वान किया. कार्यक्रम का संचालन करते हुए छात्रा शुभांगी ने दिनकर के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला. छात्रा जूली कुमारी, दिलखुश कुमारी, मधु कुमारी ने उत्साह और जोश के साथ दिनकर की काव्य रचना का पाठ किया. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डा कुमारी अनु ने दिनकर की रचनाओं को भारतीयता का सम्यक स्वर, संस्कृति का श्रेष्ठ राग, समृद्ध परंपरा का आलोक, विरासत का वैभव, पुरुषार्थ का ज्ञान और शौर्य का बहुरंग कहा. मौके पर डॉ नीरज प्रसाद, डा संगीता सहित अधिक संख्या में छात्राएं, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे.
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