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डीएम के गठित आरोपों से अनुशासनिक प्राधिकार ने सीएस को किया मुक्त

सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी पर जिलाधिकारी के द्वारा गठित आरोपों से विभाग ने उन्हें मुक्त कर दिया है. जिलाधिकारी के द्वारा उनके खिलाफ कई आरोप लगाते हुए आरोप पत्र गठित किया था.

By Prabhat Khabar News Desk | November 13, 2024 11:24 PM

समस्तीपुर : सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी पर जिलाधिकारी के द्वारा गठित आरोपों से विभाग ने उन्हें मुक्त कर दिया है. जिलाधिकारी के द्वारा उनके खिलाफ कई आरोप लगाते हुए आरोप पत्र गठित किया था. 25 फरवरी 2022 को परिवहन समिति की बैठक में मृत व्यक्तियों की सूचना उपलब्ध नहीं कराया गया था. 19 अप्रैल 2022 को बैठक में क्षेत्र परिभ्रमण से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया था. डॉ. गिरीश कुमार प्रभारी उपाधीक्षक सदर अस्पताल और ए ग्रेड नर्स नविन्ता के बीच 20 मई 2022 को हुये वाद-विवाद में कार्रवाई नहीं करने, पीकू भवन के निर्माण के समय निकाली गयी मिट्टी को गायब करने, खुदाई के दौरान मजदूर के जख्मी होने पर चिकित्सीय इलाज के अभाव में मृत्यु होने, पैसा लेकर रक्त अधिकोष से रक्त उपलब्ध कराने वाले को चिह्नित कर कार्रवाई नहीं करने, शव परीक्षण में पैस की मांग करने, एएनएम स्कूल की छात्राओं को स्वस्थ खाना नहीं देने, 19 सितंबर 2022 से 22 सितंबर 2022 तक मुख्य से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने का आरोप लगाते हुए आरोप प्रतिवेदित किया था. इस प्रतिवेदन के आलोक में विभाग के द्वारा 3 अगस्त, 2023 द्वारा आरोप पत्र गठित कर डॉ. संजय कुमार चौधरी से स्पष्टीकरण पूछा गया था. उनके द्वारा 29 सितंबर 2023 को स्पष्टीकरण का जवाब समर्पित किया गया. उनके द्वारा बताया गया कि कै-दस्त की बीमारी होने के कारण परिवहन समिति की 25 फरवरी 2022 की बैठक में भाग लेने के लिये सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को प्रतिवेदन के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था. संस्थान में बीएमसीसीएल द्वारा आरटी-पीसीआर लैब का निर्माण किया जा रहा था. समय-समय पर पायी गयी त्रुटियों से वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया गया था. चिकित्सक एवं जीएनएम के बीच वाद-विवाद होने पर अन्यत्र स्थानों पर स्थानांतरित कर लोगों को वापस काम भेज दिया गया था. पीकू भवन के निर्माण में निकाली हुई मिट्टी को पीलर खड़ा होने पर उसी स्थान पर भरा गया. महेश ठाकुर के बच्चे के पोस्टमार्टम में मल्लिक द्वारा शव को लपेटने के लिए पन्नी लाने के लिये पैसा की मांग गयी. मल्लिक के विरुद्ध शास्ति अधिरोपित की गयी. 27 अगस्त 2022 को कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति की बैठक में उपस्थित थे. एआरडी दरभंगा से अनुमति प्राप्त कर वे 19 सितंबर, 2022 से 22 सितंबर, 2022 तक श्राद्ध कार्यक्रम में भाग लेने गये थे. 28 फरवरी 2024 को क्षेत्रीय अपर निदेशक, स्वास्थ्य सेवायें दरभंगा प्रमंडल से डॉ. चौधरी द्वारा समर्पित स्पष्टीकरण पर मंतव्य की मांग की गयी. क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवायें, दरभंगा प्रमंडल ने 19 अप्रैल 2024 को डॉ. चौधरी के स्पष्टीकरण को युक्तियुक्त पाते हुए आरोप मुक्त करने की अनुशंसा की गयी. अनुशासनिक प्राधिकार ने डॉ. चौधरी के स्पष्टीकरण को युक्तियुक्त पाते हुए गठित आरोपों से मुक्त कर दिया है.

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