दोहरे नामांकन लेने वाले प्रधानाध्यापकों पर भी होगी कार्रवाई
जिले के सरकारी विद्यालयों में ऐसे छात्र-छात्राओं को चिन्हित कर नाम काटे जायेंगे, जिन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए केवल नामांकन करा रखा है.
समस्तीपुर . जिले के सरकारी विद्यालयों में ऐसे छात्र-छात्राओं को चिन्हित कर नाम काटे जायेंगे, जिन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए केवल नामांकन करा रखा है. पढ़ाई निजी विद्यालयों में कर रहे हैं. इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से छात्र-छात्राओं को साइकिल एवं पोशाक सहित अन्य योजनाओं की दी जाने वाली राशि अब आधार से लिंक करने की कार्रवाई अंतिम चरण में है.
अन्य स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का दोहरा नामांकन करना और बाद में सालभर उन्हें अनुपस्थित बताने की ट्रिक सरकारी शिक्षकों को अब भारी पड़ सकती है. दोहरे नामांकन लेने वाले प्रधानाध्यापकों पर भी कार्रवाई होगी. जिले के विभिन्न विद्यालयों 15,026 छात्र-छात्राओं का दोहरा नामांकन है. इन छात्रों को डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराने वाले लाभ से वंचित किया गया है. सभी सरकारी एवं सरकारी सहायक प्राप्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक को नामांकित छात्र-छात्राओं में से 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले छात्र-छात्राओं का ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर यस, नो की प्रविष्टियों कराने को लेकर डीईओ ने निर्देशित किया है.सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले पहली से बारहवीं कक्षा तक के सभी छात्र-छात्राओं के आंकड़े ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड कराये जा रहे हैं. इसके लिए छात्र-छात्राओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया गया है. यानी, ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर उन्हीं छात्र-छात्राओं के आंकड़ों की इंट्री होगी, जिनके आधार कार्ड होंगे. विदित हो कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ई-शिक्षाकोश पोर्टल की समीक्षा की गयी थी. इसी क्रम में दोहरे नामांकन का खुलासा हुआ. ई-शिक्षाकोश पोर्टल पर सूबे के सरकारी, अनुदानित व मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में अध्ययनरत सभी बच्चों की विवरणी आधार नंबर के साथ इंट्री करने को कहा गया था. लेकिन, बिना आधार कार्ड वाले बच्चों की काफी संख्या को देखते हुए बाद में उनके नाम भी पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया. इसके बाद समीक्षा के क्रम में डबल एडमिशन का मामला सामने आया. जानकारी के मुताबिक जिले के विभिन्न विद्यालयों में नामांकित 90 हजार से अधिक विद्यार्थी के पास आधार कार्ड नहीं है.
इन योजनाओं से बच्चे होते हैं लाभान्वित
जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाता है. इसमें बिहार बोर्ड से मैट्रिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को 10-10 हजार रुपये की छात्रवृत्ति, इंटर उत्तीर्ण छात्राओं को मुख्यमंत्री कन्या योजना के तहत 25 -25 हजार रुपये की छात्रवृति, इसके अलावा साइकिल और पोशाक योजना आदि शामिल हैं. योजनाओं की राशि विद्यार्थियों खाते में डायरेक्ट बेनिफिशियल ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम भेजी जाती है. जिला शिक्षा कार्यालय ने सभी निजी स्कूलों को नामांकित बच्चों का आधार कार्ड के साथ इ-शिक्षा पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने का निर्देश दिया है, ताकि बच्चों के आधार कार्ड से ऐसे बच्चों की पहचान की जा सके. दोहरा नामांकन लेने से बच्चों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पायेगा़. योजनाओं का लाभ लेने के लिए बच्चों का नाम व उपस्थिति सरकारी विद्यालय में होनी चाहिए. जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने कहा कि अमूमन दोहरे नामांकन का खेल बेहतर शिक्षा के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के उद्देश्य से ही किया जाता है. सरकारी स्कूलों के आंकड़े गड़बड़ होने के साथ सरकार का खर्च भी बढ़ता है. आधार कार्ड के माध्यम से दोहरा नामांकन लेने वाले बच्चों की पहचान आसानी की जा सकती है. इसलिए सरकारी एवं निजी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों का आधार इ-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है गया है. जिन्होंने दोहरा नामांकन लिया है, उन बच्चों का नाम सरकारी स्कूल से काटा जायेगा.
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