Samastipur- Pusa News: Due to unfavorable weather, pests are appearing in paddy. पूसा : मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण इस समय धान की फसल में कीट का प्रकोप कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है. इन कीटों के प्रकोप से धान की पैदावार में कमी आ सकती है. किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है. बिहार के धान उत्पादक किसान इस समय अपने धान की फसल की निगरानी करें. कीट-व्याधि नजर आते ही उसका तत्काल प्रबंधन करें. यह बातें केवीके के हेड डॉ. आरके तिवारी ने धान उत्पादकों के लिए एक सुझाव जारी कर कही है. उन्होंने कहा है कि धान से गुणवत्तापूर्ण फसल व अधिक पैदावार लेने के लिए विभिन्न तरह के कीटों और बीमारियों से धान की फसल को बचाना अत्यंत ही आवश्यक हैं.
Samastipur- Pusa News: Due to unfavorable weather, pests are appearing in paddy. गंधीबग कीट का ऐसे करें प्रबंधन
कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि मौजूदा समय धान में दाने बनने का समय हैं. दाना बनने के समय धान में गंधीबग कीट का प्रकोप ज्यादा देखने को मिलता है. इस कीट के संक्रमण से धान की बाली सूखने लगती है. इस कीट के प्रकोप से धान की फसल में लगभग 25 से 30 प्रतिशत तक की उपज में कमी आती है. इस कीट से फसल को बचाने के लिए किसान क्यूनालफाॅस या मेलाथियान पाउडर का 25 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से धान की फसल पर बुरकाव करें.Samastipur- Pusa News: Due to unfavorable weather, pests are appearing in paddy. ब्लास्ट रोग भी होता है खतरनाक
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि धान में लगने वाला ब्लास्ट रोग भी काफी खतरनाक होता है. अगर धान की फसल में ब्लास्ट रोग का प्रकोप दिखाई दे तो किसान टेबुकोनाजोल 25 प्रतिशत दवा की 750 ग्राम मात्रा को प्रति हेक्टेयर की दर से पानी में घोलकर धान की फसल पर छिड़काव करें. धान की फसल में शीथ ब्लाइट व जीवाणु जनित अंगमारी रोग लगने की संभावना रहती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है