25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विद्यालयों के अनुश्रवण के संबंध में शिक्षा विभाग का नया गाइडलाइन जारी

जिले में अवस्थित सभी सरकारी प्राथमिक, मध्य, उत्क्रमित, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों का नियमित अनुश्रवण कराया जा रहा है.

समस्तीपुर : जिले में अवस्थित सभी सरकारी प्राथमिक, मध्य, उत्क्रमित, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों का नियमित अनुश्रवण कराया जा रहा है. विद्यालयों के नियमित अनुश्रवण का मूल उद्देश्य यह है कि प्रत्येक सरकारी विद्यालय का संचालन निर्धारित मानक के अनुरूप हो रहा है अथवा नहीं. यदि विद्यालय संचालन में किसी प्रकार की कमी अथवा कठिनाई है, तो अनुश्रवण के माध्यम से उसे ठीक कराया जा सके, ताकि अध्ययनरत बच्चों के लिए विद्यालय में उचित शैक्षणिक वातावरण का निर्माण कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराया जा सके. विद्यालयों के अनुश्रवण के संबंध में शिक्षा विभाग ने अब नया गाइडलाइन जारी किया है. उप विकास आयुक्त द्वारा जिला अन्तर्गत शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में पदस्थापित सभी पदाधिकारियों (जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सहित) एवं कर्मियों को विद्यालय अनुश्रवण की जिम्मेवारी दी जायेगी. जिला में मानव बल की उपलब्धता के आधार पर अनुश्रवण करने वाले प्रत्येक पदाधिकारी/कर्मी को 3 माह के लिए 10 से 15 विद्यालय आवंटित किया जायेगा, जो इस अवधि में इन विद्यालयों के सम्पूर्ण देख-रेख में रहेंगे. विद्यालयों का आवंटन रोस्टर बनाकर किया जायेगा, ताकि जिला के सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों का प्रत्येक सप्ताह में कम-से-कम हो सके. निरीक्षी पदाधिकारी/कर्मी, अनुश्रवण के लिए आवंटित प्रत्येक विद्यालय का प्रत्येक सप्ताह में कम-से-कम एक बार निरीक्षण/अनुश्रवण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करेंगे. निरीक्षी पदाधिकारी/कर्मी द्वारा विद्यालय संचालित रहने की स्थिति में प्रत्येक सप्ताह में 3 दिन आवंटित विद्यालयों का निरीक्षण किया जायेगा. निरीक्षी पदाधिकारी/कर्मी आवश्यकतानुसार सप्ताह में एक से अधिक बार भी आवंटित विद्यालय का अनुश्रवण कर सकते हैं. अनुश्रवण के दौरान विद्यालय में पाई गई कमियों को ठीक कराने के लिए अनुश्रवणकर्ता जिम्मेवार होंगे. आगामी सप्ताह के अनुश्रवण में विद्यालय में पाई गई कमियों के सुधार की पुनः समीक्षा करेंगे. यदि कमी यथावत पाई जाती है तो कमी दूर होने तक अनवरत प्रयास करते रहेंगे, जबतक उक्त कमी पूर्णरूपेण ठीक न हो जाये. यदि निरीक्षी पदाधिकारी/अनुश्रवणकर्ता पायी गई कमी को अपने स्तर से दूर कराने में सक्षम नहीं है तो उक्त समस्या को अपने उच्चाधिकारी को अवगत कराते हुए निराकरण कराना सुनिश्चित करेंगे. वहीं उप विकास आयुक्त द्वारा प्रत्येक 03 माह पर अनुश्रवण करने वाले प्रत्येक पदाधिकारी/कर्मी का विद्यालय आवंटन से संबंधित रोस्टर परिवर्तित किया जायेगा एवं यह सुनिश्चित किया जायेगा कि विगत तिमाही में आवंटित स्कूल इस तिमाही में उक्त पदाधिकारी/कर्मी को पुनः आवंटित न हो. निरीक्षी पदाधिकारी/कर्मी, निरीक्षित विद्यालय का निरीक्षण प्रतिवेदन विभाग द्वारा विकसित ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करेंगे. अनुश्रवण के दौरान विद्यालय में शिक्षक एवं बच्चों की संख्या के अनुरूप वर्ग कक्ष की उपलब्धता (ब्लैक बोर्ड, चॉक डस्टर सहित), विद्यालय भवन के रंग-रोगन इत्यादि का भी अवलोकन किया जायेगा. विद्यालय में निर्माणाधीन असैनिक कार्य (यदि हो) की प्रगति एवं गुणवत्ता, विद्यालय में किचेन शेड, गैस चूल्हा एवं थाली इत्यादि की उपलब्धता, छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय की उपलब्धता, शौचालय की साफ-सफाई एवं क्रियाशीलता को भी देखा जाय एवं यह भी देखा जाये कि शौचालयों में ताला तो बंद नहीं है, पेयजल की सुविधा, वर्ग कक्ष में आवश्यक उपस्कर (बेंच डेस्क इत्यादि) की उपलब्धता एवं निर्धारित मापदंड के अनुसार उसकी गुणवत्ता, माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रयोगशाला की उपलब्धता एवं उपयोगिता, यह भी देखा जायेगा कि प्रयोगशाला का बच्चों द्वारा नियमित उपयोग किया जा रहा है या नहीं. माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पुस्तकालय की उपलब्धता एवं उपयोगिता, यह भी देखा जायेगा कि पुस्तकालय का बच्चों द्वारा नियमित उपयोग किया जा रहा है या नहीं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें