स्कूल नहीं गये बच्चे तो शिक्षा सेवक होंगे चयनमुक्त
सरकारी स्कूलों के पोषक क्षेत्र में एक भी बच्चा आउट ऑफ स्कूल (स्कूल न जाने वाले बच्चे) मिलने पर संबंधित शिक्षा सेवकों पर कार्रवाई की जायेगी.
समस्तीपुर : सरकारी स्कूलों के पोषक क्षेत्र में एक भी बच्चा आउट ऑफ स्कूल (स्कूल न जाने वाले बच्चे) मिलने पर संबंधित शिक्षा सेवकों पर कार्रवाई की जायेगी. शिक्षा सेवक से संबद्ध चयनमुक्त भी किया जा सकता है. चयनमुक्त शिक्षा सेवकों के स्थानों पर उसी समुदाय के योग्य व्यक्ति को नियमानुसार नियुक्त किया जायेगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस संबंध में डीईओ को पत्र भेजा है. पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि शिक्षा सेवक संबद्ध विद्यालयों में केवल हाजिरी बनायेंगे. छह से 14 आयु वर्ग के शत-प्रतिशत बच्चों को विद्यालय में नामांकन कराकर स्कूल पहुंचाने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. डीपीओ ने बताया कि शिक्षा सेवकों को छह से 14 आयु वर्ग के बच्चों को संबंधित कोचिंग कराकर एक साथ बच्चों को विद्यालय पहुंचाने को कहा गया है. दोपहर एक से दो बजे तक संबंधित टोले में 15 से 45 आयु वर्ग के असाक्षर महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग के महिलाओं को साक्षरता केन्द्र में पढ़ाने का आदेश दिया गया है. ताकि, असाक्षर महिलाओं को साक्षर बनाया जा सके. साथ ही, मुख्यमंत्री परिभ्रमण योजना, खेलकूद, पर्यावरण संबंधी गतिविधि व अन्य गतिविधियों में सहयोग करना व बच्चों को चिकित्सा जांच में आवश्यक सहयोग करने का आदेश दिया गया है.
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