सदर अस्पताल में इलाज के दौरान बुजुर्ग की मौत , परिजनों में मचा कोहराम
सदर अस्पताल परिसर में उस समय अफरातफरी का माहौल बन गया. जब मंगलवार की संध्या एक बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गयी.
समस्तीपुर. सदर अस्पताल परिसर में उस समय अफरातफरी का माहौल बन गया. जब मंगलवार की संध्या एक बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गयी. वह इलाज कराने के लिए इमरजेंसी वार्ड में आए थे. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. परिजनों को सूचना भी दी गई. उनके परिजनों में कोहराम मच गया और अफरा तफरी का माहौल हो गया. रिश्तेदारों और गांव में मातम का माहौल बना हुआ है. इस संबंध में पूछे जाने पर सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉक्टर नागमणि राज ने बताया कि एक मरीज जो मोहिउद्दीननगर के अदलपुर गांव के वीरेंद्र राय उम्र लगभग 60 वर्ष बीमार पड़ने के बाद इलाज कराने आए थे. घटना की सूचना परिजनों को दी गई है. परिजनों ने बताया कि कुछ महीनों से वो बीमार थे. निजी अस्पताल में इलाज उनका चल रहा था. गंभीर रूप से बीमार होने के बाद सदर अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान मौत हो गई है. पोस्टमार्टम करने की प्रक्रिया को लेकर अस्पताल प्रशासन तैयारी में है. हालांकि पोस्टमार्टम होगा या नहीं, यह उनके परिजन ही तय कर पाएंगे. फिलहाल सदर अस्पताल के ड्रेसिंग रूम में लाश पड़ी हुई है. जहां आम मरीजों का भी इलाज हो रहा है. इस बात को लेकर और उनके परिजनों में चिंता और चर्चा का विषय बना हुआ है. मरीजों ने कहा कि भला लाश के बीच में जिंदा मरीजों का इलाज कैसे होगा. इस बात की चिंता को लेकर ना अस्पताल प्रशासन को है, ना ही पुलिस प्रशासन को है. जहां घंटों सदर अस्पताल के ड्रेसिंग रूम में लाश के बीच इलाज कराना मरीजों को मजबूरियां बनी हुई है. बता दें कि सदर अस्पताल परिसर में हर बार आपदा आने के बाद दर्जनों वार्ड बनते हैं. फिर टूट जाते हैं. ऐसे में गंभीर रूप से बीमार पड़ने वाले जिले के दूर दराज गांव से आने वाले गंभीर रूप से बीमार मरीजों को इलाज कराने में परेशानियां होती है.
डॉक्टरों ने कोलकाता की डॉक्टर की हत्या के विरोध में निकाला कैंडल मार्च
समस्तीपुर. भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए ) समस्तीपुर शाखा ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता के आर.जी. कार मेडिकल कॉलेज में पीजी द्वितीय वर्ष की छात्रा की कार्यस्थल पर की हुए दुष्कर्म एवं हत्या के विरोध में समस्तीपुर शहर में सभी चिकित्सकों ने कैंडल मार्च निकाला. आइएएमए ने कहा कि पश्चिम बंगाल की न्याय की इस जुझारू लड़ाई में उनके साथ हर संभव साथ देने को तैयार है. संगठन मांग करता है कि इस जघन्य घटना की न्यायिक जांच हो और स्पीडी ट्रायल कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जाये. इसके बाद भी आईएमए दिल्ली के आह्वान पर आगे हमलोग संघर्ष के लिए तैयार है. मौके पर आईएमए के सचिव डॉ जीसी कर्ण, डॉ हेमंत कुमार सिंह, डॉ दया शंकर सिंह, डॉ पुष्पा रानी,डॉ रेणु राणा, डॉ एके आदित्य, डॉ रिज़वान अहमद,सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ नागमणि राज, डॉ सैयद मेराज़ इमाम, डॉ मनीष कुमार, डॉ विनायक, डॉ उत्सव कुमार, डॉ सुप्रियो मुखर्जी, डॉ अरुण कुमार झा, डॉ राजेश कुमार समेत काफी संख्या में डॉक्टर उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है