समस्तीपुर : बिजली की चोरी रोकने के लिए जिले में हर जगह स्मार्ट मीटर लगाये गये हैं, किंतु चोरी से विद्युत ऊर्जा का उपयोग करने वाले कोई न कोई तरकीब निकाल ले रहे हैं. घर में लगे स्मार्ट मीटर को रिचार्ज नहीं कराया और सर्विस वायर में कटिंग कर बाइपास चोरी से बिजली का उपयोग किया जा रहा है. बिजली कंपनी के अधिकारी सतत माॅनीटरिंग कर ऐसे लोगों को पकड़ा जा रहा है. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अभियान चलाकर अवैध रूप से बिजली उपभोग कर रहे लोगों पर बिजली कंपनी के अधिकारियों ने जुर्माना लगाते हुए नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है. एसडीओ शहरी गौरव कुमार ने बताया कि शहर के पुरानी पोस्ट ऑफिस रोड स्थित एक कम्प्लेक्स में छापेमारी कर बिजली चोरी करते हुए पकड़े गये. मेन सर्विस तार को काटकर बिजली का अवैध रूप से उपभोग किया जा रहा था. इन पर 7904 रुपये का जुर्माना लगाया गया. इन पर बकाया भी था. इधर, शहर के सोनबरसा रोड में भी अवैध रूप से बिजली जला रहे चार लोगों को पकड़ा गया. विद्युत कार्यपालक अभियंता आनंद कुमार ने बताया कि आप बिजली का कनेक्शन ले रहे हैं तो यह भी सुनिश्चित कर लें कि कनेक्शन लेने वाले आवेदन फार्म में आपने क्या लिखा है. कनेक्शन मिलने के बाद आपको उसी अनुरूप उपयोग करना होगा. अगर आपने दूसरा उपयोग किया तो यह सीधा-सीधा बिजली चोरी की श्रेणी में गिना जायेगा. इसके लिए आप खुद ही जिम्मेदार होंगे. लिहाजा आपके खिलाफ कंपनी द्वारा कार्रवाई भी की जा सकती है. कनेक्शन लेते वक्त सोच समझकर आवेदन फार्म भरें और उसी उद्देश्य के तहत बिजली का उपयोग करें. बिजली चोरी की श्रेणी में बिजली के खंभों से सीधे तार जोड़ना, मीटर को टेंपर्ड कर बिजली का उपयोग करना या जिस उद्देश्य के लिए कनेक्शन लिया है उसके अलावा अन्य उपयोग करना बिजली चोरी की श्रेणी में आता है. अगर कोई व्यक्ति विद्युत सामग्री को जानबूझकर नुकसान पहुंचाता है यथा उसे तोड़ता है या नष्ट करता है तो यह विद्युत अधिनियम की धारा 139 के तहत अपराध है. अगर कोई व्यक्ति बिजली लाइन को काटता है या नुकसान पहुंचाता है तो धारा 140 के तहत 10 हजार जुर्माने की सजा भुगतनी पड़ेगी. बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इतना ही नहीं, सरकार ने कई सख्त कानून भी बना रखे हैं. इसके बावजूद बिजली की चोरी पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है. बिजली चोरी करने वाले लोग तरह-तरह की तिकड़म लगाकर अभी भी धड़ल्ले से बिजली की चोरी कर हैं. शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग भी बिजली की चोरी में संलिप्त हैं. बिजली अधिनियम-2003 में बिजली की चोरी करने वालों के लिए सजा का प्रावधान है. बिजली अधिनियम-2003 की धारा 135 और 138 के तहत बिजली चोरी करने वालों को दंडित किया जाता है. धारा 135 में बिजली चोरी और धारा 138 के तहत चोरी के इरादे से बिजली के मीटर से साथ छेड़छाड़ से जुड़े मामले आते हैं. बिजली चोरी के अपराध में संलिप्त दोषियों को जुर्माने के साथ-साथ जेल में भी सजा काटनी पड़ती है.
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